Delhi Election/Chunav Results 2020: एक समय था जब अरव‍िंंद केजरीवाल को लेकर प्रशांत क‍िशोर के मन में थोड़ी खटास आ गई थी। यह वक्‍त पंजाब व‍िधानसभा चुनाव का था। तब क‍िशोर की टीम ने एक क्‍लायंट के तौर पर अरव‍िंंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) से संपर्क क‍िया था। लेक‍िन, केजरीवाल ने तब कहा क‍ि उन्‍हें प्रशांत क‍िशोर की सेवाओं की जरूरत नहीं। तब क‍िशोर की डील कांग्रेस से हुई थी और आप को हराना क‍िशोर की आन से जुड़ गया था। जब केजरीवाल ने द‍िल्‍ली चुनाव के ल‍िए उनकी सेवाएं लेने का ऐलान क‍िया तो प्रशांत क‍िशोर ने ट‍िप्‍पणी की थी क‍ि पंजाब में आप उनके ल‍िए सबसे मुश्‍क‍िल प्रत‍िद्वंद्वी साब‍ित हुई थी।

द‍िल्‍ली में आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार संभालने की डील होने के बााद प्रशांत क‍िशोर की Indian Political Action Committee (IPAC) नेे सबसेे पहले ग्राउंड सर्वे क‍िया और केजरीवाल की पॉल‍िट‍िकल स्‍ट्रैटजी की स्‍टडी की।

केजरीवाल को पहली सलाह दी गई क‍ि वह बीजेपी या नरेंद्र मोदी पर व्‍यक्‍त‍िगत हमले करने के बजाय अपनी सरकार के काम ग‍िनाएं। केंद्र ने यह नहीं करने द‍िया, वह नहीं करने द‍िया, रोड़े अटका द‍िए के बजाय केजरीवाल के भाषण, इंटरव्‍यू इस बात पर केंद्र‍ित होने लगे क‍ि हमने इतने स्‍कूल खोले, स्‍कूलों का कायाकल्‍प क‍िया, मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक बनाए, सड़क दुर्घटना में घायलों का मुफ्त इलाज करवाया…आद‍ि।

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इसके साथ ही प्रशांत क‍िशोर ने इससे मैच करते कैंपेन बनाए और प्रचार‍ित करवाए। अच्‍छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल, द‍िल ने पुकारा केजरीवाल दोबारा…। IPAC में काम करने वाले एक व‍िश्‍वस्‍त सूत्र ने बताया क‍ि हर व‍िधानसभा सीट में समर्प‍ित वॉलंट‍ियर्स लगाए। इसके ल‍िए आप के कार्यकर्ताओं को ट्रेंड क‍िया गया।

जहां पार्ट‍ियां कार्यकर्ता नहीं दे पाती हैं, वहां आईपैक कॉलेज स्टूडेंट्स को अस्‍थायी तौर पर न‍ियुक्‍त करती है और उनसे फील्‍ड वर्क करवाती है। पर, द‍िल्‍ली में ऐसा करने की नौबत नहीं आई। यूपी में कांग्रेस ने जब प्रशांत क‍िशोर की सेवाएं ली थीं तो उन्‍हें समर्प‍ित कार्यकर्ता उपलब्‍ध नहीं करवा पाई थी।

द‍िल्‍ली चुनाव के ल‍िए प्रशांत क‍िशोर ने शुरू में ग्रेटर कैलाश के एक बंगले में अपना बेस बनाया, जो बाद में आप के एक राज्‍यसभा सांसद के बंगले में श‍िफ्ट हो गया। वार रूम मतदान के द‍िन तक सक्र‍िय रहा। मतदान के द‍िन भी लगभग हर बूथ पर आप कार्यकर्ताओं के साथ आईपैक के लोग भी मौजूद रहे। वे वोट‍िंंग पैटर्न की जानकारी देते रहे। उसके आधार पर स्‍ट्रैटजी बनती गई।
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द‍िल्‍ली में पूरे कैंपेन की मॉनीटर‍िंंग प्रशांत क‍िशोर करते रहे। ऋषिराज केे नेतृत्‍व में कुणाल और अर्जुन की मदद से यह कैंपेन चला। आख‍िरी दौर मेंं आधा दर्जन से भी ज्‍यादा कोर सदस्‍य अभ‍ियान को सफल बनाने में लगाए गए थे।

IPAC की कोर टीम में प्रशांत क‍िशोर के साथ 6-7 सदस्‍य काम करते हैं। कुनाल स‍िंंह (2015 सेे साथ), सतीश (2014 से) जैसे लोग लंबे वक्‍त से साथ हैं। एक डायरेक्‍टर हैं ऋषिराज स‍िंंह। एक और डायरेक्‍टर हैं अर्जुन दत्‍ता। ये ‘स्‍टेट-लीड’ की भूमि‍का में रहते हैंं। श‍िवेंद्र स‍िंह यूपी चुनाव के समय से साथ हैं, जबक‍ि रवींद्र कुमार ब‍िहार चुनाव (2015) के समय से साथ हैं। आईआईटीयन पवन भारद्वाज भी करीब डेढ़ साल से इनके साथ हैं।

2014 में नरेंद्र मोदी का चुनावी कैंपेन मैनेज करने के बाद प्रशांत क‍िशोर काफी चर्च‍ित हो गए थे। इसके बाद यूपी चुनाव में वह फेल रहे, लेक‍िन पंजाब में सफल रहे। 2017 में पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान आप सांसद भगवंत मान ने कहा था क‍ि आम आदमी पार्टी के पास हर दूसरे-तीसरे घर में एक प्रशांत क‍िशोर है।

पंजाब चुनाव के समय अरव‍िंद केजरीवाल ने उनका मजाक उड़ाते हुए एक इंटरव्‍यू में कहा था क‍ि प्रशांत क‍िशोर युवा हैं, डायनाम‍िक हैं, कांग्रेस को उन्‍हें पंजाब में अपना चेहरा घोष‍ित कर देना चाह‍िए। उन्‍होंने मुस्‍कुराते हुए यहां तक कह द‍िया था क‍ि अगर प्रशांत क‍िशोर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की जगह ले लें तो उन्‍हें (केजरीवाल को) हैरानी नहीं होगी।

हालांक‍ि, पंजाब में हार के बाद केजरीवाल ने क‍िशोर को अपने घर बुलवाया था। तब उन्‍होंने सलाह दी थी क‍ि आप द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दीज‍िए।

अब प्रशांत क‍िशोर की नजर ब‍िहार चुनावों पर है। सूत्र बताते हैं क‍ि उन्‍होंनेे कांग्रेस को पुनर्जीव‍ित करने का ब्‍लूप्र‍िंंट तैयार क‍िया है। कांग्रेस के नेताओं को प्रेजेंटेशन द‍िखा कर डील करने की कोश‍िश की जाएगी।

एक व‍िकल्‍प ब‍िहार चुनाव में प्रशांत क‍िशोर के खुद उतरने की भी है। सात-आठ लाख युवाओं का डेटाबेस उनके पास है। सोशल मीड‍िया कैंपेन और इलेक्‍शन मैनेजमेंट का अनुभव उनके पास है। ऐसे में इस व‍िकल्‍प को भी स‍िरे से खार‍िज नहीं क‍िया जा सकता है।

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