दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पांच फरवरी को होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल खासकर भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। दिल्ली चुनाव में इस बार जहां आम आदमी पार्टी जीत का चौका लगाने की कोशिश में जुटी हैं तो विपक्षी दल भाजपा 26 साल के वनवास से बाहर आने की पुरजोर प्रयास कर रही है। ऐसे में कांग्रेस दिल्ली में खोई अपनी राजनीतिक जमीन पाने की जद्दोजहद में जुटी है।
तीनों दलों के लिए 70 सीटों में से तकरीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी मानी जा रही हैं जो उनके लिए अतिविशिष्ट (हाई प्रोफाइल) हैं जिन पर पार्टियों ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी दंगल में उतरा हुआ है।
जंगपुरा और कालकाजी पर हर किसी की नजर
दिल्ली की सबसे खास विधानसभा सीटों में नई दिल्ली, कालकाजी और जंगपुरा सीट हैं जिन पर हर किसी की पैनी निगाहें बनी हुई हैं। इन सीटों पर तीनों दलों के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। आप के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चौथी बार चुनावी ताल ठोंके हुए हैं जबकि मनीष सिसोदिया इस बार अपनी पटपड़गंज की बजाय जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
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इसके अलावा मुख्यमंत्री आतिशी दूसरी बार कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा व कांग्रेस के संदीप दीक्षित नई दिल्ली, भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह व फरहाद सूरी जंगपुरा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी व कांग्रेस की अलका लांबा का इन तीनों सीटों पर आप के साथ सीधा मुकाबला है। इन तीनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।
गोपाल राय जीत की हैट्रिक लगाने को कर रहे मेहनत
बात अगर उन सीटों की करें जहां पर दिल्ली सरकार में मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। ग्रेटर कैलाश सीट पर आप के कैलाश भारद्वाज, भाजपा की शिखा राय और गर्वित सिंघवी चुनावी मैदान में हैं। जबकि, बाबरपुर सीट पर मंत्री गोपाल राय जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं जिसका रास्ता रोकने के लिए भाजपा ने पूर्व निगम पार्षद अनिल वशिष्ठ और पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को कांग्रेस ने मैदान में उतारा हुआ है। 2013 का चुनाव गोपाल राय यहां से भाजपा के नरेश गौड़ से हार गए थे। 2015 से गोपाल राय विधायक चुने जाते आ रहे हैं।
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इसके अतिरिक्त सुल्तानपुर माजरा सीट पर मंत्री मुकेश अहलावत हैं जिसके खिलाफ भाजपा ने करम सिंह करमा और कांग्रेस ने पूर्व विधायक जयकिशन को उतारा हुआ है। नांगलोई जाट से मंत्री रघुविंदर शौकीन के खिलाफ चुनावी दंगल में भाजपा के मनोज शौकीन और कांग्रेस के रोहित चौधरी हैं। बल्लीमारान सीट पर आप सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के खिलाफ भाजपा के कमल बागड़ी और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हारुन युसूफ चुनाव लड़ रहे हैं।
कई पूर्व मंत्री भी आजमा रहे किस्मत
इस चुनाव में कई ऐसी सीटें हैं जहां पर पूर्व मंत्री भी किस्मत आजमा रहे हैं। मंगोलपुरी से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान (भाजपा), रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता (भाजपा), शकूरबस्ती से पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (आप), पटेल नगर से पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद (भाजपा) व पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ (कांग्रेस), मादीपुर से विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला (आप), बिजवासन से पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत (भाजपा), पटपड़गंज से अवध ओझा (आप), अनिल कुमार (कांग्रेस) व रविंद्र कुमार नेगी (भाजपा), गांधी नगर से पूर्व मंत्री अरविंद सिंह लवली (भाजपा), करावल नगर से पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा (भाजपा), बादली से देवेंद्र यादव (कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इन सभी सीटों पर हर किसी की पैनी नजर बनी हुई है। तीनों राजनीतिक दलों के लिए जीत हार के लिहाज से यह सभी सीटें काफी अहम मानी जा रही हैं। करावल नगर और रोहिणी सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर पिछला 2020 का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी ने ही जीता था।