चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि दिल्ली की मतदाता सूची में एक लाख बीस हजार से ज्यादा नामों को एक से अधिक बार पाया गया है। साथ ही आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में फर्जी मतदान को रोकने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं। चुनाव आयोग का यह जवाब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की उस शिकायत के बाद आया है कि दिल्ली की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं के नाम हैं। आयोग ने इन दोनों दलों को लिखा है कि मतदाता सूचियों में 120605 नाम एक से ज्यादा बार पाए गए हैं।
दिल्ली के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश गोयल की ओर से आयोग को लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने दोनों दलों से कहा कि 89017 प्रविष्टियों को सुधार दिया गया है और अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची में उसे प्रकाशित कर दिया गया है। बाकी का प्रकाशन नामांकन के अंतिम दिन अनुपूरक सूची में किया जाएगा। चुनाव आयोग की यह पहल आने वाले दिनों में दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा की उसकी योजना के पहले हुई है। चुनाव आयोग के दिल्ली में फरवरी के मध्य में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। दिल्ली में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है।
पांच जनवरी को प्रकाशित दिल्ली के मतदाताओं की अंतिम सूची के मुताबिक, राजधानी में कुल 13085251 मतदाता हैं जिनमें 7260633 पुरुष और 5824618 महिला मतदाता हैं। पिछले साल 15 अक्तूबर को शुरू हुए मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दौरान दिल्ली चुनाव आयोग ने नामों के दोहराव का पता लगाने वाले साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उसे मतदाता सूची में संभावित दोहराव का पता चला।
दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इस तरह के दोहराव के कारणों का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में एडीएम स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच कराई। इसने कहा कि प्रथम दृष्टया मतदाता सूची में गड़बड़ी के कुछ मुख्य कारण मतदाता द्वारा कई बार आवेदन करना, डाटा एंट्री के स्तर पर गड़बड़ी और तकनीकी गड़बडी हो सकती है।
फर्जी मतदान की आशंकाओं को खारिज करने का प्रयास करते हुए आयोग ने कहा कि मतदान करने वालों की उंगलियों में स्याही की गहरी परत लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। फर्जी मतदान करने पर एक साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। आम आदमी पार्टी ने पिछले सप्ताह चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया था कि राजधानी में करीब तीन लाख से ज्यादा लोगों के पास एक से ज्यादा मतदाता पहचान पत्र हैं। पार्टी ने इसे दुरुस्त करने की मांग की थी। कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के समक्ष फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाया था।