दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को सिंघू बॉर्डर के करीब गुरु तेग बहादुर मेमोरियल पहुंचे। सीएम केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी थे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे देश के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आए हैं… दुखी हैं, मुसीबत आई हुई है…हम लोगों को कितनी सर्दी लग रही है। रात को इतनी ठंड हो जाती है, खुले आसमान के नीचे, किसान भाई, माता, बच्चे सोने को मजबूर हैं…क्यों?  हमारे किसान सर्दी के बीच हमारे किसान पिछले 32 दिन से खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं।  दिल्ली के सीएम ने कहा कि मुझे बहुत दर्द होता है कि यहां 40 से अधिक किसान अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मैं कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र से हाथ जोड़कर अपील करता हूं। केजरीवाल ने कहा कि किसान अपने अस्तित्व के लिए विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये अपने लोग हैं, हमारा परिवार हैं। इन तीनों कानूनों को वापिस ले लीजिए…और कितनी शहादत लेना चाहते हो आप?

केजरीवाल ने कहा कि  जब हम लोग अन्ना आंदोलन के लिए बैठे तो हमे बदनाम किया गया। आज किसानों को आतंकवादी कह रहे हैं…पिछले 70 साल से सभी दलों, नेताओं और पार्टियों ने किसानों को धोखा दिया है।

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से उनकी जमीन छिन जायेगी। सीएम ने कहा कि मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बहस करने की चुनौती देता हूं, इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि ये कानून कितने फायदेमंद या नुकसानदायक हैं।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में सोच रहे हैं। किसानों के बारे में कैसे पर्याप्त बंदोबस्त किए जाएं। वे लोग कष्ट उठाकर इतनी दूर आएं हैं।

सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी, दिल्ली सरकार, केजरीवाल और उनकी पूरी टीम किसानों के साथ है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र चाहता था कि दिल्ली के स्टेडियम को किसानों के लिए जेल बनाया जाए। केजरीवाल ने हर तरह के दबाव को झेला और ऐसा नहीं होने दिया।