हरियाणा के जींद में आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया। अरविंद केजरीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों द्वारा चुनी गई सरकार की शक्तियों को छीन रही है। किसानों का समर्थन करने के कारण केंद्र सरकार उन्हें ऐसी सजा दे रही है।

जींद में आयोजित किसान महापंचायत में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने उन्हें बहुमत दिया। लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उनकी शक्तियों को छीन रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सारी शक्तियां मुख्यमंत्री से छीन कर उपराज्यपाल को दे रही है। यह सजा हमें किसानों को समर्थन देने के कारण मिली रही है। आगे केजरीवाल ने कहा है कि वह किसी भी सजा को भुगतने या कुर्बानी देने को तैयार हैं लेकिन किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। तीनों कानून रद्द होने चाहिए और एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए।

साथ ही अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आदमी किसान आंदोलन के साथ है वो देशभक्त है और जो आदमी किसान आंदोलन के खिलाफ है वो देश का गद्दार है। किसान आंदोलन के सामने बीजेपी को झुकना ही पड़ेगा।  इसके अलावा केजरीवाल ने कहा कि जब पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच किया था तो हरियाणा सरकार ने जगह-जगह आंसू गैस के गोले छोड़े और बैरियर लगा दिए। लेकिन हमारे किसानों की हिम्मत देखिए वो आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज और बुलडोजर पार कर दिल्ली बॉर्डर पहुंच गए।

जींद में आयोजित किसान महापंचायत में अरविंद केजरीवाल ने किसान नेता राकेश टिकैत का भी जिक्र किया। केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी के बाद जब मैंने राकेश टिकैत के आंखों में आंसू देखे तो मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि आप अपना दिल कमजोर मत करो, हम और पूरा देश आपके साथ है। साथ ही अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब राकेश टिकैत ने मुझसे कहा कि योगी सरकार ने किसानों के बिजली और पानी बंद कर दिए हैं तो हमने एक घंटे के अंदर बिजली, पानी और शौचालय का इंतजाम कर दिया।   

जींद महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान आंदोलन में 300 लोगों की हुई मौत पर दुःख व्यक्त किया। केजरीवाल ने कहा कि मैं पूरे देश की तरफ से उन किसानों की शहादत को नमन करता हूं, जिन्होंने किसानों के लिए संघर्ष करते हुए खुशी- खुशी अपनी जान गवां दी। लेकिन अब पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उन किसानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।