Delhi Violence CAA Protest: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली में शांति बहाल करने की उनकी कोशिश में मदद की पेशकश की और उनसे शहर में ‘ एकजुट होकर सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए’ सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली की विशेष पुलिस आयुक्त (सतर्कता) को हिंसा का शिकार हुए परिवारों से मिलने और उन्हें हर संभव सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि बैजल ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से विशेष पुलिस आयुक्त (सतर्कता) सुंदरी नंदा को उनके निरीक्षण के दौरान मदद करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के मामले में पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है, हालांकि सरकार इसका विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करेगी। प्रसाद ने कहा, ”आखिरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता क्यों नहीं दी जानी चाहिए? सीएए पर हमारे पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है ।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोगों को सरकार समझाने का प्रयास करेगी । हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सोये हुए लोगों को तो जगाया जा सकता है लेकिन जागते हुए सो रहे लोगों को नहीं।
दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा जानकारी के हिसाब से अबतक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में अबतक 48 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली में शांति बहाल करने की उनकी कोशिश में मदद की पेशकश की और उनसे शहर में ‘ एकजुट होकर सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए’ सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। पार्षद की एक बिल्डिंग से कथित तौर पर पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें आदि मिलने की बात कही गई है।
बुधवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एस. मुरलीधर ने भकड़ाऊ बयान देने वाले नेताओं पर सख्ती की बात कही थी और दिल्ली पुलिस को भी आड़े हाथ लिया गया था। दिल्ली हिंसा पर सुनवाई करने वाले जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया है। उनके इस ट्रांसफर पर प्रियंका और राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए हैं।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के मामले में पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है, हालांकि सरकार इसका विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करेगी। प्रसाद ने कहा, ''आखिरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता क्यों नहीं दी जानी चाहिए? सीएए पर हमारे पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है ।''
राकांपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘‘गुजरात मॉडल’’ की पुनरावृत्ति की गई है जहां सीएए को लेकर बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई। पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा भी मांगा है। दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने जांच की मांग की कि क्या गृह मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति को संभाल नहीं पाए या उन्होंने कथित तौर पर पुलिस को निर्देश दिए थे कि त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दे। विपक्षी दलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजधानी में दंगों के दौरान वह मूकदर्शक बनी रही जहां दंगों में मरने वालों की संख्या 34 हो गई है।कांग्रेस शाह का इस्तीफा पहले ही मांग चुकी है। मलिक ने कहा कि दिल्ली में गुजरात मॉडल की पुनरावृत्ति हुई है। उनका इशारा संभवत: 2002 के गुजरात दंगों की ओर था।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली की विशेष पुलिस आयुक्त (सतर्कता) को हिंसा का शिकार हुए परिवारों से मिलने और उन्हें हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि बैजल ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से विशेष पुलिस आयुक्त (सतर्कता) सुंदरी नंदा को उनके निरीक्षण के दौरान मदद करने का निर्देश दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा और अन्य के लिए खिलाफ कथित रूप से घृणा भाषण देने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग वाली कई याचिकाएं गुरुवार को दायर की गई। इन याचिकाओं में से एक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ भी कथित तौर पर घृणा भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कथित घृणा भाषणों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का अनुरोध भी किया गया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिंसा प्रभावित दिल्ली में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। यहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एक कार्यक्रम से हटकर पत्रकारों से सिंह ने कहा, ‘‘दिल्ली में स्थिति अब सामान्य हो रही है।’’ विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में दंगों में मरने वालों की संख्या में हुए इजाफे को लेकर सिंह से सवाल पूछा गया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली एवं पूर्वी दिल्ली के इलाकों में 28 फरवरी और 29 फरवरी को होने वाली परीक्षाएं टाल दी हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के चलते सीबीएसई ने इस सप्ताह तीसरी बार परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की है। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार से मिले अनुरोध को देखते हुए और छात्रों, र्किमयों एवं अभिभावकों को असुविधा से बचाने के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली तथा अन्य प्रभावित इलाकों में 28 फरवरी और 29 फरवरी को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। प्रभावित छात्रों के लिए परीक्षा की अगली तिथि जल्द अधिसूचित की जाएगी।’’
आप पार्षद ताहिस हुसैन पर हिंसा भड़काने के आरोपों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हमारी पार्टी का नेता हिंसा में शामिल है तो उसे दोगुनी सजा दी जाए। उकसाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
भाजपा ने दिल्ली हिंसा पर कहा है कि दो दिनों में शांति बहाल हो गई है, जांच तेज की गई है और गिरफ्तारियां हुई हैं।
हिंसा और डर के माहौल के बीच CBSE ने 10वीं और 12वीं के 28 और 29 फरवरी को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। बोर्ड ने समूची दिल्ली में दो मार्च से 10 वीं, 12 वीं के परीक्षा कार्यक्रम में कोई तब्दीली नहीं की है।
बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा को 1984 जैसी हिंसा करार दिया और कहा कि इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी की कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस को फ्री-हैंड देने की मांग की और कहा कि पीड़ितों की पूरी मदद की जाए। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश की राजधानी के कुछ इलाकों में 1984 के भीषण सिख दंगों की तरह हुये दंगों ने दिल्ली सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यह बहुत दुखद और निन्दनीय भी है।’’
दिल्ली हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप लग रहा है कि हिंसा भड़काने में उनका हाथ है। हिंसा में मारे गए इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मी अंकित शर्मा के परिजनों ने कथित तौर पर हुसैन पर हत्या करने का आरोप लगाया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के तबादले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि उनके तबादले से सरकार क्या संदेश देना चाहती है।
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कथित घृणा भाषणों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का अनुरोध किया गया है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया है।
हिंसा फैलाने के लिए बाहर से भी लोग बुलाये गए थे। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों के अलावा, पुलिस ने बाहरी लोगों को हिंसा में संलिप्त पाया है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में लोग दिल्ली आए और उन्होंने हिंसा में भाग लिया। मंगलवार शाम सीमाओं को सील कर दिया गया था
हिंसा को लेकर अब तक 18 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अभी हिंसा के मामलों में और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है। उनकी पहचान की जा रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाए कि दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा नेताओं को बचाने के लिए सरकार ने न्यायाधीश का तबादला किया। इस पर रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, 'माननीय न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर का तबादला 12 फरवरी को भारत के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के तहत किया गया।' उन्होंने कहा कि तबादला उनकी सहमति से किया गया है। 'इसे सुस्थापित प्रक्रिया के तहत किया गया।'
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने न्यायाधीश एस. मुरलीधर के तबादले को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. मुरलीधर का तबादला उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश और ‘‘सुस्थापित प्रक्रिया’’ के तहत किया गया। कांग्रेस के मुरलीधर के तबादले को लेकर सरकार पर निशाना साधने के बाद उन्होंने यह बयान दिया।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। यह संख्या बुधवार तक 27 थी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जीटीबी अस्पताल में पांच और लोगों की जान चली गई, जिससे इस अस्पताल में मरने वालों की संख्या 30 हो गई। कुल मृतकसंख्या 32 तक पहुंच गई।" लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में बुधवार को दो लोगों की मौत हो गई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के तबादले को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है। गांधी ने दिवंगत न्यायाधीश लोया के मामले का उल्लेख किया और सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया, ''बहादुर न्यायाधीश लोया को याद कर रहा हूं कि जिनका तबादला नहीं किया गया था।''
न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे थे और यह अधिसूचना ऐसे दिन जारी की गई जब उनकी अगुवाई वाली पीठ ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर 'नाराजगी' जताई थी।
रविवार शाम से पूर्वोत्तर दिल्ली में शुरू हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर गुरुवार को 28 हो गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दंगा प्रभावित शिव विहार का दौरा किया। शिव विहार में सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच झड़प के बाद दंगे में 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
दिल्ली हिंसा में नफरत की आग इस कदर लोगों पर हावी थी कि दंगाइयों ने न तो बच्चे देखे, न बुजुर्ग, सभी को निशाना बनाया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में गम्हरी विलेज एक्सटेंशन में दंगाइयों ने एक घर में घुसकर आग लगा दी, जिसमें 85 साल की बूढ़ी महिला अकबरी जिंदा जल गईं।
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पिछले दो दिनों में सांप्रदायिक हिंसा में 27 लोगों की जान गयी है।
कई दिनों तक हुई हिंसा के बाद अब हालत सामान्य होते नज़र आ रहे हैं। दो दिन की भारी हिंसा के बाद पुलिस का कहना है कि ऊपर से ऑर्डर आ गया रात को, अब सब शांत है'
दिल्ली हिंसा में अब तक 27 लोगों की जान चली गई है। दिन में प्रभावित इलाकों में मुख्यमंत्री के जायजे के बाद रात में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी हिंसा मामले में अबतक 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में बड़े अधिकारी मौजूद हैं। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
कांग्रेस ने एनएसए अजीत डोभाल के दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर मोदी को गृह मंत्री अमित शाह पर भरोसा नहीं है तो उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं करते। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'एनएसए डोभाल को भेजकर मोदी जी ने साबित कर दिया कि अमित शाह देश के गृह मंत्री के तौर पर पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। सोनिया जी ने भी यही बात कही है। मोदी जी, एक विफल गृह मंत्री पर जब आपको ही विश्वास नहीं तो उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं करते!'
वहीं राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में हो रहीं हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बेहद तल्ख टिप्पणी की है। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के रहते हुए 1984 के दंगे की घटना को दोहराने नहीं दिया जाएगा। इस मामले में पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया और लोगों से शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की।
सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव, शरद यादव, डी राजा समेत विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद से मुलाकात की खातिर समय मांगा है। माकपा महासचिव येचुरी ने नेताओं के एक समूह के साथ बैठक करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद से समय की मांग की है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिन पहले शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग, शिव विहार मुख्य रूप से दंगों से प्रभावित हुए हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि दिल्ली में एक तरह का ‘2002 का गुजरात मॉडल’ दिखाई दे रहा है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने हिंसा के समय दिल्ली पुलिस पर भी मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया। मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘राजधानी में पिछले दो दिन से हिंसा फैली हुई है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।’’ उन्होंने जाहिर तौर पर गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘राजधानी में ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं? दिल्ली में एक तरह का 2002 का गुजरात मॉडल दिखाई दे रहा है।’’
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद बुधवार को कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात नियंत्रण में है। साथ ही उन्होंने बुधवार दोपहर कुछ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग, शिव विहार मुख्य रूप से दंगों से प्रभावित हुए हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा स्थिति नियंत्रण में है और लोग संतुष्ट हैं। हमें कानून लागू करने वाली एजेंसियों पर भरोसा है। पुलिस अपना काम कर रही है और सतर्क है।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि बार-बार उसे ये कहने की जरूरत नहीं है कि दिल्ली में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन वे सड़क को बाधित नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने मौजूदा परिस्थिति में प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए वार्ताकारों की नियुक्ति के जरिए ढर्रे से हटकर समाधान निकालने का प्रयास किया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने कहा कि अदालत ने ढर्रे से हटकर समाधान निकालने का प्रयास किया लेकिन पता नहीं इसमें कितनी कामयाबी मिली।
दिल्ली हिंसा के लिये केंद्र को जिम्मेदार ठहराने के कांग्रेस और सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि जिनके हाथ निर्दोष सिखों के ‘ खून से रंगे हों’, वे अब हिंसा रोकने में सफलता-असफलता की बात कर रहे हैं। भाजपा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक सोचा-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया। उन्होंने इसके लिये गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।
दिल्ली सरकार ने सीएए हिंसा में अपनी जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रत्न लाल के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवाज देने का एलान किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका एलान किया है। सीएम ने यह भी कहा कि हिंसा से सभी समुदाय के लोगों का नुकसान है इसलिए हिंसाए बंद होनी चाहिए और सभी को शांति से रहना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि हम गृह मंत्री का इस्तीफा चाहते हैं। हिंसा पर कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और उनसे कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि हम शांति की बात करें। हम हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति अमन की बात करें। हम चाहते हैं कि सरकार एक्शन ले।
एनएसए अजित डोभाल ने हिंसा प्रभावित मौजपुर के अपने दौरे के दौरान स्थानीय लोगों से बात की और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। देेखें VIDEO:-