नवरात्र में गुजरात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन बड़ी सौगात मिली हैं। शनिवार (24 अक्टूबर) को पीएम ने गिरनार रोप वे (Girnar Ropeway) का उद्घाटन किया। नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने उद्घाटन के बाद कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

पीएम के मुताबिक, “गिरनार पर्वत पर मां अंबे विराजमान हैं। गोरखनाथ शिखर भी है। गुरु दत्तात्रेय का शिखर है। जैन मंदिर भी है। यहां की सीढ़ियां चढ़कर जो शिखर पर पहुंचता है, वो अद्भुत शक्ति और शांति का अनुभव करता है। अब यहां विश्व स्तरीय रोप-वे बनने से सबको सुविधा मिलेगी। साथ ही दर्शन का मौका भी मिलेगा।”

बकौल मोदी, “अगर गिरनार रोप-वे कानूनी उलझनों में न फंसाता, तो इसका लाभ पहले ही लोगों को मिल चुका होता। हमें सोचना होगा कि लोगों को जब बड़ी सुविधा पहुंचाने वाली व्यवस्थाओं का निर्माण, लंबे वक्त तक अधर में रहेगा, तब कितना नुकसान होता है।”

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यह गुजरात का चौथा रोपवे है। गिरनार रोप-वे 2.3 किलोमीटर लंबा है। सात मिनट में इसका सफर पूरा होता है। इसमें कुल 24 ट्रॉलियां होंगी। बताया जा रहा है कि इसके एक फेरे में 192 लोग जा सकेंगे। हर घंटे में 1000 हजार यात्रियों को लेकर जाने की इसकी क्षमता है। इसे बनाने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई है।

पीएम ने इस दौरान किसानों के लिए ‘Kisan Suryodaya Yojana’ का उद्घाटन भी किया। उन्होंने बताया कि इसका मकसद खेती-किसानी के लिए दिन में किसानों को बिजली मुहैया कराना है। पीएम ने इसके अलावा यू.एन.मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर के पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का उद्घाटन भी किया।

मोदी ने कहा- आज किसान सूर्योदय योजना, गिरनार रोपवे और देश के बड़े और आधुनिक कार्डियो हॉस्पिटल गुजरात को मिल रहे हैं। ये तीनों एक प्रकार से गुजरात की शक्ति, भक्ति, स्वास्थ्य के प्रतीक हैं। इन सभी के लिए गुजरात के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

उनके मुताबिक, बिजली के क्षेत्र में बरसों से गुजरात में जो काम हो रहे थे, वो इस योजना का बहुत बड़ा आधार बने हैं। एक समय था जब गुजरात में बिजली की बहुत किल्लत रहती थी, 24 घंटे बिजली देना बहुत बड़ी चुनौती रहती थी।

पीएम बोले, “गुजरात देश का पहला राज्य था जिसने सौर ऊर्जा के लिए एक दशक पहले ही व्यापक नीति बनाई थी। जब साल 2010 पाटन में सोलार पावर प्लांट का उद्घाटन हुआ था तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन भारत दुनिया को ‘वन वन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का रास्ता दिखाएगा।”

प्रधानमंत्री के अनुसार, आज तो भारत सोलर पावर के उत्पादन और उसके उपयोग, दोनों मामलों में दुनिया के अग्रणी देशों में है। बीते 6 सालों में देश सोलर उत्पादन के मामले में दुनिया में पांचवे स्थान पर पहुंच चुका है और लगातार आगे बढ़ रहा है।