दिल्ली विधानसभा ने 2024 में केवल एक विधेयक पारित किया। यह भारत में किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों की सबसे कम संख्या है। यह निष्कर्ष सोमवार को गैर-लाभकारी संगठन पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा राज्य विधानसभाओं की कार्यप्रणाली पर जारी की गई रिपोर्ट से आया है।

दिल्ली ने पिछले साल केवल एक विधेयक पारित किया दिल्ली माल और सेवा कर (तीसरा संशोधन) अधिनियम, 2024 जबकि अन्य राज्यों ने औसतन पूरे साल में 17 विधेयक पारित किए। यह जीएसटी विधेयक भी उसी दिन पारित हो गया जिस दिन इसे विधानसभा में पेश किया गया था। ऐसा करने से दिल्ली उन आठ राज्यों में से एक बन गया जिसने सभी विधेयकों को उसी दिन पारित कर दिया जिस दिन उन्हें विधानसभा में पेश किया गया था। अन्य सात राज्य बिहार, झारखंड, मिजोरम, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल थे।

जीएसटी विधेयक को एक महीने के भीतर मिली राज्यपाल की मंजूरी

रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी विधेयक में दिल्ली का संशोधन देशभर के उन 60% विधेयकों में से एक था, जिन्हें एक महीने के भीतर राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी। 2024 में पारित होने वाले विधेयकों में से 18% को तीन महीने से अधिक समय के बाद मंजूरी मिली (इसमें अप्रैल 2025 तक मंजूरी का इंतजार कर रहे विधेयक भी शामिल हैं)। जिन राज्यों में विधेयकों को तीन महीने से अधिक समय के बाद मंजूरी मिली उनमें हिमाचल प्रदेश (72% विधेयक पारित), सिक्किम (56%) और पश्चिम बंगाल (38%) शामिल हैं।

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दिल्ली का विधानसभा सत्र बिना सत्र स्थगित किए सबसे लंबे समय तक चला था

राज्य कानूनों की वार्षिक समीक्षा 2024 शीर्षक वाली रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी का विधानसभा सत्र (तमिलनाडु के साथ) बिना सत्र स्थगित किए सबसे लंबे समय तक चला था। दिल्ली का विधानसभा सत्र पिछले साल फरवरी से दिसंबर तक चला था। दिल्ली विधानसभा 2024 में 25 दिनों तक चली थी जो राष्ट्रीय औसत 20 से ज़्यादा है। ओडिशा में सबसे ज़्यादा दिन (42) सत्र चला, उसके बाद केरल (38) का स्थान रहा। देश भर में विधानसभाओं के औसत सिटिंग डे भी 2017 के 28 दिनों से गिरकर 2024 में 20 हो गए। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स