दिल्ली के एक सरकारी विज्ञापन में उत्तर पूर्वी भारत के सिक्किम राज्य को अलग देश बता दिया गया। इस गलती के बाद सरकार की आलोचना हुई। जमकर विवाद हुआ, जिसके बाद संबंधित अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है। खुद मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर कहा है कि ऐसी गलतियां अस्वीकार्य हैं। उनके मुताबिक, विवादित विज्ञापन हटा लिया गया है और संबंधित अफसर के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है।

दरअसल, यह विज्ञापन सिविल डिफेंस कोर में स्वयंसेवक के तौर पर की जाने वाली भर्तियों से जुड़ा था। ‘पात्रता’ वाले सेक्शन के पहले ही बिंदु में सिक्किम को देश बताने से जुड़ी गलती की गई थी। दिल्ली सरकार को सिक्किम के चीफ सेक्रेट्री की ओर से इस बाबत खत भेजा गया। कहा गया कि उक्त विज्ञापन से सिक्किमवासियों को खासा ठेस पहुंची, जो कि खुद को भारत का नागरिक होने में “गर्व समझते हैं”। ऐसे में मेरी गुजारिश है कि आप तत्काल इस विवादित विज्ञापन को हटवा लें और सिक्किमवासियों की भावना को ध्यान में रखते हुए उचित सरकारी सूचना जारी करें।

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इसी बीच, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने विवादित विज्ञापन की कटिंग को शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा- सिक्किम भारत का हिस्सा है। मैं इस मसले पर दिल्ली सरकार से चीजें ठीक करने की गुजारिश करता हूं। दिल्ली सरकार द्वारा प्रकाशित यह विज्ञापन विभिन्न प्रिंट मीडिया में आया, जिसमें भूटान और नेपाल जैसे देशों की तरह सिक्किम का भी जिक्र किया गया। सिक्किम 1975 से भारत का हिस्सा है और यह उसके एक हफ्ते बाद से ही राज्य दिवस मनाता आ रहा है।

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उधर, मामला सामने और विवाद पर दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल बोले कि सिविल डिफेंस (मुख्यालय) के वरिष्ठ अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उसमें सिक्किम को लेकर गलत जानकारी दी गई थी, जिससे कि देश के हिस्से का अपमान हुआ है। बकौल बैजल, “विवादित ऐड को भी तत्काल प्रभाव से हटाने/वापस लेने का निर्देश दे दिया गया है।”