Congress MP Shashi Tharoor News: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 से बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव की आलोचना की। सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में सरकार पर कटाक्ष करते हुए एक पुराने बॉलीवुड गाने का जिक्र कर कहा, “देखो ओ दीवानों (तुम) ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में कहा, “मेरी पहली आपत्ति राष्ट्रपिता का नाम हटाने के अनुचित निर्णय पर है, जिसके कारण पहले ही बताए जा चुके हैं। लेकिन यह महज एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मूल भावना और दार्शनिक आधार पर हमला है।”

महात्मा गांधी के राम राज्य के दृष्टिकोण के बारे में आगे बोलते हुए, तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि यह कभी भी पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि गांवों के सशक्तिकरण पर आधारित एक सामाजिक-आर्थिक खाका था और ग्राम स्वराज में उनका अटूट विश्वास उस दृष्टिकोण का केंद्र था।

सच्ची रोजगार गारंटी जमीनी स्तर से ही आनी चाहिए- थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मूल अधिनियम में महात्मा गांधी का नाम शामिल करके इस गहरे संबंध को स्वीकार किया गया था कि सच्ची रोजगार गारंटी और उत्थान जमीनी स्तर से ही आना चाहिए। महात्मा गांधी का नाम हटाना इस विधेयक को इसके नैतिक मूल्यों और ऐतिहासिक वैधता से वंचित करना है।”

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राहुल गांधी ने एनडीए सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बिल का नाम बदलने को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “मोदी जी को दो बातों से सख्त नफरत है। महात्मा गांधी के विचार और गरीबों के अधिकार। एमजीएनआरईजीए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने का जीता-जागता उदाहरण है। यह लाखों ग्रामीण भारतीयों के लिए जीवन रेखा साबित हुई है और कोविड महामारी के दौरान एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुरक्षा कवच भी बनी। फिर भी, यह योजना प्रधानमंत्री मोदी को हमेशा से असहज करती रही है। पिछले दस वर्षों से उनकी सरकार इसे कमजोर करने की सुनियोजित कोशिशें कर रही है। आज वे एमजीएनआरईजीए को पूरी तरह खत्म करने पर तुले हुए हैं।”

कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, “एमजीएनआरईजीए तीन मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित था, 1. रोजगार का अधिकार – काम की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 2. गांवों को अपने विकास कार्यों के बारे में निर्णय लेने की स्वायत्तता। 3. केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण मजदूरी सहायता और सामग्री लागत का 75% वहन। अब, मोदी जी एमजीएनआरईजीए को केंद्रीकृत नियंत्रण के एक उपकरण में बदलना चाहते हैं। 1. बजट, योजनाएं और नियम केंद्र द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। 2. राज्यों को लागत का 40% वहन करने के लिए मजबूर किया जाएगा। 3. निधि समाप्त होने पर, या फसल कटाई के मौसम के दौरान, श्रमिकों को महीनों तक रोजगार से वंचित रखा जाएगा। यह नया विधेयक महात्मा गांधी के आदर्शों का सीधा अपमान है।” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

शिवराज सिंह चौहान ने बिल किया पेश

विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025 मनरेगा को बदलना चाहता है। विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार न केवल गांधी जी में विश्वास रखती है बल्कि उनके सिद्धांतों का पालन भी करती है। उन्होंने कहा, “(नरेंद्र) मोदी सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए पिछली सरकारों से कहीं अधिक काम किया है।”

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