आर्यन खान ड्रग्स मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस केस में आर्यन को जमानत मिलेगी या नहीं, इसको लेकर टीवी चैनल आज तक पर बहस में कई तरह के मुद्दे उठे। आर्यन को जमानत मिलने में देरी क्यों हो रही है, गोसावी कौन है और उसकी पहुंच एनसीबी तक कैसे है, जैसे सवाल भी उठे।
पैनलिस्ट सामाजिक कार्यकर्ता एंड्रिया डिसूजा ने कहा कि किरेन गोसावी कौन था और मनीष भानुशाली कौन है। वे कहां से ताल्लुक रखते हैं, क्या वह एनसीबी का ऑफिसर हैं? इस पर अभिनेता मुकेश त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर कोर्ट बार-बार शाहरूख खान के बेटे आर्यन की जमानत खारिज कर रहा है तो आप कोर्ट पर सवाल उठाइए।
अगर एनसीबी के तथ्य इतने मजबूत हैं तो कोर्ट जमानत खारिज करेगा ही। आप एनसीबी पर क्यों सवाल उठा रही हैं। एंड्रिया ने कहा कि इस केस में बदमाशी हो रही है, जबरन आर्यन को फंसाया जा रहा है।
एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कहा कि किरेन गोसावी कौन है जिसकी पहुंच एनसीबी दफ्तर तक है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता राजीव पांडेय ने कहा कि देश में कई ऐसे केस रहे हैं, जिसमें महीनों और सालों किसी को जेल में रखा गया है। यह कोई पहली बार नहीं है, जिसमें पिछले 23 दिन से आर्यन खान जेल में हैं।
दिल्ली के पूर्व डीसीपी एलएन राव ने कहा कि कोर्ट को अगर लगता है कि आर्यन को छोड़ने से केस पर कोई आंच नहीं आएगी तो कोर्ट जमानत दे देगा, लेकिन अगर कोर्ट को यह महसूस होता है कि उससे केस प्रभावित हो सकता है तो जमानत नहीं भी मिल सकती है। फिलहाल मामला कोर्ट पर ही निर्भर है।
इस बीच एनसीबी ने क्रूज़ जहाज से मादक पदार्थ की बरामदगी के मामले में आरोपी आर्यन खान की जमानत याचिका का मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में विरोध करते हुए कहा कि वह ना केवल मादक पदार्थ लेते थे, बल्कि उसकी अवैध तस्करी में भी शामिल थे।
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि जांच को प्रभावित करने के लिए आर्यन खान और शाहरुख खान की प्रबंधक पूजा ददलानी सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। वहीं, आर्यन खान के वकीलों ने उच्च न्यायालय में अतिरिक्त नोट दाखिल करते हुए कहा कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोपों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
एनसीबी ने आर्यन खान की उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका के जवाब में मंगलवार को हलफनामा दाखिल किया। न्यायमूर्ति एनडब्ल्यू साम्ब्रे की एकल पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। एजेंसी ने हलफनामे में कहा कि मामले की जांच को पटरी से उतारने की गलत मंशा से इसे प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।