जनता दल (एकी) ने मांग की कि सरकार को पेरिस हमले से पैदा वैश्विक हालात पर संसद में बहस कराकर आतंकवाद के मुद्दे पर आम राय बनाने की कोशिश करनी चाहिये। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने इंदौर प्रेस क्लब में कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करता हूं कि वह पेरिस हमले से पैदा वैश्विक स्थितियों पर संसद में बहस कराकर आतंकवाद के मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश करें।’
उन्होंने कहा, ‘पेरिस हमले के बाद दुनिया भर में बेचैनी है। भारतीय नागरिकों की नुमाइंदगी करने वाली संसद में इस विषय में बहस होनी चाहिये, ताकि वैश्विक बेचैनी के इस माहौल में हम तय कर सकें कि आतंकवाद के विषय में हमें कौन..सी राह अपनानी चाहिये।’
यादव ने जोर देकर कहा कि पेरिस हमले का मामला पश्चिमी और पूर्वी एशिया से भी जुड़ा है। इसका जुड़ाव भारत की विदेश नीति से भी है। इसलिये इस विषय में भारतीय संसद में एक राय बनना न केवल जरूरी है, बल्कि यह दुनिया और देश के हित में भी है।
बिहार की तर्ज पर उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में ‘महागठबंधन’ के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना के सवाल पर जदयू अध्यक्ष ने अपने पत्ते नहीं खोले। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि बिहार में किये गये चुनावी वादों को पूरा करना फिलहाल हमारी प्राथमिकता है। लेकिन मैं मानता हूं कि देश में सशक्त सियासी विकल्प के लिये राजनीतिक दलों की गोलबंदी जरूरी है।’
यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सियासी शिष्टाचार के तहत बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना चाहिये, उन्होंने कहा, ‘भला यह बात मैं कैसे कह सकता हूं। हमने इस समारोह का आमंत्रण तमाम बड़े नेताओं को दिया है।’
बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की जीत के बाद नीतीश कुमार से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की मुलाकात के सवाल पर यादव ने कहा, ‘इस मेल-मिलाप को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिये।’
उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर वीके सिंह और गिरिराज सिंह सरीखे केंद्रीय मंत्रियों के विवादास्पद बयानों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार के मंत्री भारतीय संविधान के दायरे से बाहर जाकर बयानबाजी कर रहे हैं।
जदयू अध्यक्ष ने केन्द्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह रोजगार बढ़ाने और महंगाई कम करने के विषय में जनता से किये वादे पूरे करने में नाकाम रही है। यादव ने कहा, ‘‘सरकार गोली से नहीं, बल्कि सच्ची बोली से चलती है।’’
पाकिस्तानी मीडिया में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘अय्यर को पाकिस्तान में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिये थी।’’
उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नेताओं के 60 वर्ष के राजनीति छोड़ने के बारे में बयान देकर जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, मोरारजी देसाई और बाबू जगजीवनराम जैसे नेताओं का अपमान किया है। इस बयान के पीछे शाह की कोई राजनीतिक तिकड़म छिपी है।’’
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के अलावा ‘तीसरी सियासी शक्ति’ की वकालत की। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस का फर्ज है कि वह इस तरह का गठबंधन बनाने की पहल करे।’’
वह रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र में 21 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार विजय हारी के प्रचार के लिये मध्यप्रदेश के दौरे पर आये थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस उपचुनाव में हार-जीत की कोई परवाह नहीं है। हम समाजवादी मूल्यों के लिये लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं।’’
यादव ने प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले के चुटका में परमाणु बिजली संयंत्र लगाने की परियोजना पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘दुनिया के कुछ परमाणु बिजली संयंत्रों में भीषण हादसे हो चुके हैं। इसक बावजूद देश के आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे संयंत्र क्यों लगाये जा रहे हैं। क्या सरकार आदिवासियों को इंसान नहीं समझती?’’