दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत के लिए खुशखबरी आई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को एक साथ दो कोरोना वैक्सीनों को मंजूरी दे दी। इनमें से एक भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन- कोविशील्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका ने तैयार किया है। वहीं दूसरी वैक्सीन भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सिन है। इन दोनों वैक्सीन को सीमित आपात मंजूरी देने के बाद DCGI ने टीके के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों पर जवाब दिया।
हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा था कि वे भाजपा की कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। इसके बाद उनकी ही पार्टी के एक और नेता आशुतोष सिन्हा ने दावा किया था कि ये वैक्सीन नपुंसक बनाने वाली हो सकती है। उन्होंने कहा था- “हो सकता है बीजेपी वाले बाद में कह दें कि हमने जनसंख्या कम करने और नपुंसक बनाने के लिए वैक्सीन लगा दी।” उन्होंने अखिलेश की बात का समर्थन करते हुए कहा था कि “सपा सुप्रीमो ने तथ्यों के आधार पर ही बयान दिया होगा, हमें लगता है कि कहीं ना कहीं उस वैक्सीन में ऐसी चीज होगी कि नुकसान हो जाए।”
हालांकि, इसी को लेकर एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर DCGI वीजी सोमानी ने कहा कि ये एकदम बकवास बात है और इसे जरा भी तवज्जो नहीं देनी चाहिए। उन्होंने वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर बात करते हुए कहा कि यह वैक्सीन 110 फीसदी सुरक्षित है। अगर वैक्सीन को लेकर जरा भी चिंता होती तो वे इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, सरदर्द, एलर्जी जैसी मामूली दिक्कतें हो सकती है।
#WATCH I We’ll never approve anything if there’s slightest of safety concern. Vaccines are 110 % safe. Some side effects like mild fever, pain & allergy are common for every vaccine. It (that people may get impotent) is absolute rubbish: VG Somani,Drug Controller General of India pic.twitter.com/ZSQ8hU8gvw
— ANI (@ANI) January 3, 2021
टीके के सुरक्षित होने पर स्वास्थ्य मंत्री भी दे चुके हैं बयान: गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी कोरोनावायरस के टीका के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में अफवाहोंऔर भ्रामक सूचनाओं का शिकार नहीं होने की अपील कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।