गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद चक्रवात बिपरजॉय कमजोर पड़ गया और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ गया। चक्रवात से हुई तबाही के बाद गुजरात सरकार के सामने करीब 1,000 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की चुनौती है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि उत्तर गुजरात में भारी बारिश होने का अनुमान है।
पीएम मोदी और अमित शाह के मार्गदर्शन में हुआ संभव- गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल
गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि हम एक बड़ी आपदा से लड़ने में सक्षम हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने चक्रवात से होने वाले किसी भी नुकसान से बचाव के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में यह संभव हुआ। मैं राज्य की जनता का उनके सहयोग के लिए आभारी हूं।
IMD ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय कल 16 जून को 23:30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से लगभग 100 किमी उत्तर-पूर्व के कच्छ में कमजोर हो गया। अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होगा।
गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय से एक भी मौत नहीं
एक प्रेस विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हवाले से कहा गया है कि पहले से प्लानिंग और एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीम काम कर रही हैं वहीं वन विभाग ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है।
गुजरात के 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल
इससे पहले राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि चक्रवाती तूफान बिपारजॉय से राज्य में किसी व्यक्ति की जान जाने की सूचना नहीं है। यह राज्य के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे सम्मलित प्रयासों से संभव हो सका। बिपरजॉय के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है। तूफान से राज्य की बिजली कंपनी पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को भारी नुकसान हुआ है और बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा कि कम से कम 4,600 गांवों में बिजली नहीं थी लेकिन 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने कहा कि चक्रवात के कारण कच्छ के साथ ही देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और मोरबी जिलों के कई हिस्सों में शुक्रवार को बहुत भारी बारिश (100-185 मिमी) हुई। इसके साथ ही 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 600 पेड़ उखड़ गए हैं और राज्य के तीन राजमार्गों में टूट-फूट और पेड़ गिरने से यातायात ठप हो गया। चक्रवात के चलते कम से कम 23 लोग घायल हो गए और कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश
चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात से राजस्थान की ओर बढ़ने के कारण राजस्थान के कई इलाकों में बारिश हो रही है। जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को बारिश हुई। राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश सोमवार तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, चक्रवात राजस्थान में गहरे दबाव के रूप में है और आगे चलकर अवसाद की श्रेणी में आ जाएगा। आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के सचिव पीसी किशन ने बताया कि मूसलाधार बारिश के अनुमान के कारण जारी ‘रेड अलर्ट’ को ध्यान में रखते हुए सभी एहतियाती तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।