राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐसा लग रहा है कि कोरोना का डर खत्म हो चुका है। जुलाई और अगस्त में दिल्ली में आम जनजीवन को देखकर लगा कि यहां कोरोना माहमारी का चरम बीत चुका है और आने वाले दिनों में हालात बेहतर होते जाएंगे। हालात भी इस बात की गवाही दे रहे थे क्योंकि दिल्ली में कोरोना के हर रोज आने वाले मामले घटकर 1000 से भी कम हो गए थे और एक्टिव केस की संख्या भी घटकर 10 हजार से कम रह गई थी। लेकिन डेटा देखकर कहा जा सकता है कि दिल्ली से कोरोना संक्रमण के कम होने की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी है।
बीते दो हफ्ते से कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं। बीते तीन दिनों से 2000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। गुरुवार को ही 2700 नए मरीज मिले हैं जो कि बीते दो माह में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। अंतिम बार 28 जून को दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में नए मरीज मिले थे। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि मामले फिर से बढ़ने की वजह क्या है? अगस्त के पहले सप्ताह में दिल्ली में दूसरा सीरो सर्वे किया गया था, जिसमें दिल्ली की 29 फीसदी जनता कोरोना से संक्रमित पायी गई है। वहीं पहले सीरो सर्वे में दिल्ली की 23 फीसदी जनता कोरोना संक्रमित मिली थी।
इससे पता चलता है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण ज्यादा तेजी से नहीं फैल रहा है लेकिन इससे खतरा ये है कि अभी भी दिल्ली की बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील है और उसके संक्रमित होने की आशंका है।
दिल्ली में आगामी 7 सितंबर से मेट्रो सेवा भी शुरू होने जा रही है। इस वजह से भी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल आने की आशंका जतायी जा रही है। हालांकि दिल्ली सरकार कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। गुरुवार को भी दिल्ली में 32 हजार से ज्यादा सैंपल टेस्ट किए गए थे। इसके अलावा दिल्ली के 470 मोहल्ला क्लीनिक में भी कोरोना की जांच करायी जा रही है।
बता दें कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक विश्लेषण के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में अगस्त के अंतिम सप्ताह में इसके पिछले सप्ताह के मुकाबले कोरोना वायरस संक्रमण के 35 फीसदी अधिक मामले सामने आए। विश्लेषण के मुताबिक जो नए मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 30 से 40 फीसदी मामले उन परिवारों से हैं, जहां पहले भी मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त में कोविड-19 के मामलों का विश्लेषण करने पर पाया कि कोरोना वायरस संक्रमण ग्रामीण और मध्यमवर्गीय इलाकों में अधिक है तथा प्रवासी लोगों के इलाकों में भी मामले बढ़ रहे हैं।
दिल्ली की तरह ही महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में तेजी आ रही है। अगस्त माह के दौरान महाराष्ट्र में हर दिन 7-11 हजार नए केस सामने आए लेकिन अगस्त के अंतिम दिनों से इसमें तेजी आयी है। गुरुवार को ही महाराष्ट्र में 18 हजार नए मरीज मिले हैं। देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मरीजों का है। आंध्र प्रदेश में बीते 9 दिनों से हर रोज 10-11 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं।
