Nasal Covid Vaccine: कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच भारत बायोटेक ने देश की पहली इंट्रानेजल (Intranasal) यानि नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन BBV154 के थर्ड फेज का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है। इस वैक्सीन को बूस्टर डोज (Booster Dose) के तौर पर दिया जा सकेगा।

जानकारी के मुताबिक BBV-154 इंट्रानेजल वैक्सीन का पहला और दूसरा क्लीनिकल ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान वैक्सीन को पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिया गया था। ट्रायल सफल होने के बाद बूस्टर डोज के तौर पर भी वैक्सीन का ट्रायल किया गया। हालांकि बूस्टर डोज उन्हीं लोगों को दी गई थी जिन्होंने कोविड की दोनों वैक्सीन लगवा ली थी।

भारत में 14 जगहों पर किए ट्रायल: तीसरे चरण के दोनों ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़े राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (National Regulatory Authorities) को अप्रूवल के लिए भेजे गए हैं। पहली डोज के ट्रायल के दौरान कई स्तरों पर जांच की गई थी। इस दौरान सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी के हर पहलू को बारीकी से जांचा गया। इसके साथ ही इसकी तुलना COVAXINÒ के साथ की गई। भारत बायोटेक ने पूरे भारत में 14 जगहों पर ट्रायल किए थे।

नहीं मिले कोई प्रतिकूल रिजल्ट: कंपनी ने बताया था कि पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में स्वस्थ वॉलंटियर्स को दी गई वैक्सीन की खुराक ने अच्छी तरह से काम किया है। कोई गंभीर प्रतिकूल रिजल्ट की जानकारी नहीं मिली है। वैक्सीन को प्री-क्लीनिकल टॉक्सिसिटी स्टडीज में सुरक्षित, इम्युनोजेनिक और अच्छी तरह से काम करने योग्य पाया गया था। BBV154 इंट्रानेजल वैक्सीन की बूस्टर खुराक (तीसरी खुराक) उन्हें ही दी गई थी, जिन्हें पहले लाइसेंस प्राप्त कोविड -19 वैक्सीन लगायी गयी थी। इंट्रानेजल वैक्सीन की बूस्टर डोज के लिए 9 जगहों पर परीक्षण किया गया था।

भारत बायोटेक की ज्वाइंट मैनेजिंग एडिटर सुचित्रा के एला ने कहा, “इस 75वें स्वतंत्रता दिवस पर, हमें BBV154 इंट्रानेजल वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल के सफल समापन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। हम इनोवेशन और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं। यह भारत बायोटेक की टीमों के लिए एक और उपलब्धि है। अगर यह मंजूर हो जाती है तो इंट्रानेजल वैक्सीन बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान को आसान बना देगी।”