योगगुरू बाबा रामदेव ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी कंपनी पतंजलि ने कोरोना वायस के इलाज की पहली आयुर्वेदिक दवा बना ली है। रामदेव ने कोरोनिल नाम की यह दवा लॉन्च की और कहा कि यह सांस संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद करेगी और कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट इस दवा के इस्तेमाल से शत प्रतिशत है।

हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि सारी दुनिया कोरोना का इलाज तलाश रही है और हमें गर्व है कि हमने कोरोना वायरस का इलाज ढ़ूढ़ निकाला है। उन्होंने कहा कि हमने इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल भी किया और दवा के इस्तेमाल के नतीजों से हम कह सकते हैं कि यह दवा कोरोना का इलाज करने में मददगार साबित होगी। कोरोनिल से संबंधित हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं….

रामदेव के मुताबिक, पतंजलि की ‘दिव्‍य कोरोना किट’ में तीन चीजें हैं- कोरोनिल, श्‍वसारि वटी और अणु तेल। इनमें अश्वगंधा गिलोय और तुलसी है जो कोरोना से लड़ने में मदद करती है।रामदेव का कहना है कि इसमें 100 से ज्यादा तत्वों का इस्तेमाल किया गया है जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।

पतंजलि का कहना है कि दोनों पहर के भोजन के आधे घंटे बाद दो गोलियों का सेवन हल्के गर्म पानी के साथ करना चाहिए। यह मात्रा 15 से 80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए उपयुक्त है।  6-14 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों को यह दवा हाफ डोज में दी जानी चाहिए।

बाबा रामदेव का कहना है कि पहला क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी  दिल्ली, अहमदाबाद और अन्य कई शहरों में किए गए हैं। इसमें हमने 280 मरीजों को शामिल किया और 100 प्रतिशत मरीज रिकवर हो गए। उन्होंने कहा कि इस दवा के इस्तेमाल से 3 दिन के अंदर 69 फीसदी रोगी पॉजिटिव से निगेटिव हो गए। कंपनी  पर उठ रहे सवालों को लेकर पंतजलि का कहना है कि कुछ दिन में कंपनी की तरफ से ट्रायल के आंकड़े साक्ष्य के तौर पर पेश किए जाएंगे।

गौरतलब है कि ICMR और आयुष मंत्रालय ने पतंजलि के इन दावों से पल्ला झाड़ लिया है और कंपनी को दवा की जांच होने तक इसका प्रचार ना करने की हिदायत दी गई है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को आदेश दिए कि कोविड दवा का तब तक प्रचार नहीं करे जब तक कि ‘‘मुद्दे’’ की जांच नहीं हो जाती । मंत्रालय का कहना है कि पतंजलि की कथित दवा, औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954 के तहत विनियमित है।