कोरोना वैक्सीन की तीसरी खेप भारत पहुंच चुकी है। इसके तीसरे चरण का ट्रायल होना है। अगस्त में ही रूस ने स्पुतनिक वी वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस में यह वैक्सीन लगाई भी जाने लगी है। भारत में अभी दूसरे औऱ तीसरे चरण का ट्रायल होना बाकी है।

कोरोना वैक्सीन के मामले में एक खुशखबरी है। ऐस्ट्राजेनेका ने कहा है कि वह उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी और दिसंबर तक 10 करोड़ डोज बना दी जाएंगी जिससे कि पूरे भारत में टीकाकरण शुरू हो सके। सीरम इंस्टिट्यूट ने भी कहा है कि ऐस्ट्राजेनेका से 100 करोड़ डोज बनाने का समझौता किया गया है। अदार पूनावाला का कहना है कि शुरुआत में ही भारत को डोज मिल जाएंगी।

रिपोर्ट के मुताबिक देश की ज्यादातर जनसंख्या को वैक्सीन देने के लिए भारत को 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी। भारतीय कंपनियों की क्षमता 240 करोड़ डोज बनाने की है। टीकाकरण के लिए जरूरी पर्याप्त वाइल, स्टोपर्स, सीरिंज, गेज, अल्कोहल स्वाब बनाने की क्षमता भी भारत के पास है। लेकिन, कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रीजरेटेड वैन की संख्या कम होने के कारण एक साल में 55 से 60 करोड़ डोज ही लग पाएंगे। बता दें कि ज्यादातर कंपनियों की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए 2-3 डिग्री से नीचे के तापमान की जरूरत है।

 

 

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Highlights

    12:27 (IST)14 Nov 2020
    अमेरिका में मुफ्त में मिलेगी कोरोना वैक्सीन

    अमेरिका ने कहा है इसके नागरिकों को अगले साल अप्रैल तक कोरोना वैक्सीन मिल पाएगी। यूएस प्रशासन ने कहा है कि पहले बीमारों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन दी जाएगी। यह भी कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन नागरिकों को मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाएगी।

    08:54 (IST)14 Nov 2020
    प्रधानमंत्री मोदी ने सुनाई खुशखबरी

    ससे पहले पीएम मोदी ने विश्व आयुर्वेद दिवस पर खुशखबरी सुनाई। उन्होंने गुजरात के जामनगर और राजस्थान के जयपुर में दो आयुर्वेद केंद्रों के ऐलान के साथ बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत में पारंपरिक दवाओं के ग्लोबल सेंटर की स्थापना करेगा। पीएम ने कहा कि इससे पारंपरिक औषधियों के रिसर्च में देश को मजबूती मिलेगी।

    23:10 (IST)13 Nov 2020
    इस वैक्सीन को लेने के बाद वॉलंटियर्स को आया बुखार

    अमेरिका कंपनी Pfizer ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी तक असरदार है। हालांकि वॉलंटियर्स का कहना है कि इसके ट्रायल के बाद हैंगओवर जैसा महसूस हो रहा था। बुखार और जोड़ों में दर्द की भी शिकायत थी। वॉलंटियर्स का कहना है कि ये सारी परेशानियां जल्द ही खत्म हो गईं।

    20:28 (IST)13 Nov 2020
    खुशखबरी, दिसंबर तक कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ डोज


    कोरोना वैक्सीन के मामले में एक खुशखबरी है। ऐस्ट्राजेनेका ने कहा है कि वह उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी और दिसंबर तक 10 करोड़ डोज बना दी जाएंगी जिससे कि पूरे भारत में टीकाकरण शुरू हो सके। सीरम इंस्टिट्यूट ने भी कहा है कि ऐस्ट्राजेनेका से 100 करोड़ डोज बनाने का समझौता किया गया है। अदार पूनावाला का कहना है कि शुरुआत में ही भारत को डोज मिल जाएंगी।

    19:35 (IST)13 Nov 2020
    वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी, ज्यादा तापमान में भी खराब नहीं होगी वैक्सीन

    किसी भी टीके को सुरक्षित रखने केलिए कम तापमान की जरूरत होती है। भारत में भी इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। भारत के वैज्ञानिक ऐसी कोरोना वैक्सीन तैयार कर रहे हैं जिसपर तापमान का असर नहीं होगा।

    18:04 (IST)13 Nov 2020
    कोरोना के ऐक्टिव केस लगातार हो रहे हैं कम


    भारत में कोरोना के ऐक्टिव केस कम होकर 4.85 लाख हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के बारे में अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने त्योहारों के मद्देनजर इलाज की सुविधा बढ़ाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग में कमी नहीं आनी चाहिए।

    15:28 (IST)13 Nov 2020
    कोरोना वैक्सीन अनुसंधान कार्यों के लिए वित्त मंत्रालय देगा अनुदान

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 टीके पर शोध के लिये जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम कोविड-19 टीके पर शोध और उसके विकास के लिये 900 करोड़ रुपये उपलब्ध करा रहे हैं। यह कोविड सुरक्षा मिशन के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है जो पूरी तरह से अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिये है। लेकिन यह राशि अनुसंधान कार्यों के उद्देश्य से जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पास जाएगी।’’

    15:05 (IST)13 Nov 2020
    सीरम इंस्टीट्यूट ने कोरोना की संभावित वैक्सीन की 4 करोड़ डोज तैयार कीं

    सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से भारत के लिए खुशखबरी है। बताया गया है कि संस्थान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका की संभावित कोरोना वैक्सीन की 4 करोड़ डोज तैयार कर ली हैं। इतना ही नहीं SII अमेरिकी कोरोना वैक्सीन Novavax की भारत में टेस्टिंग की तैयारी भी कर रहा है। इसके लिए बस नियामक संस्था की मंजूरी का इंतजार है।

    14:45 (IST)13 Nov 2020
    IISC ने तैयार की गर्मी झेलने वाली कोरोना वैक्सीन

    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) के वैज्ञानिकों ने ऐसी कोविड-19 वैक्सीन तैयार की है जिस पर गर्मी का असर नहीं होगा। वैज्ञानिकों का दावा है, यह हीट-टॉलरेंट है और 100 डिग्री सेंटीग्रेट तक तापमान बढ़ने का कोई असर वैक्सीन पर नहीं पड़ेगा। इसे 37 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर एक महीने तक रखा जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है, यह नई वैक्सीन खासतौर पर मध्यम आय वर्ग वाले देशों में भी असरदार साबित होगी जहां आमतौर पर वैक्सीन रखने के लिए महंगे कूलिंग इक्विपमेंट बड़ी चुनौती होते हैं। इसलिए इसे रिमोट एरिया में भी पहुंचाया जा सकेगा।

    14:18 (IST)13 Nov 2020
    वैक्सीन से पूरी तरह खत्म होगी कोरोना महामारीः जर्मन रिसर्चर

    जर्मनी की रिसर्च कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन ने कहा है कि कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- इस महामारी ने पूरी दुनिया को बंधक बना लिया है। हमें उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद दुनिया आजाद होगी। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द और बहुत बेहतर नतीजे सामने आएंगे। बायोएनटेक और फाइजर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिन रोगियों में लक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, उनके लिए तो यह बहुत इफेक्टिव होगी। हम बस इतना जानते हैं कि इस वैक्सीन से वायरस खत्म हो जाएगा।

    13:48 (IST)13 Nov 2020
    कोरोना से निपटने में वैज्ञानिकों की सलाह को कम तरजीह देते हैं सुपरपावर देश

    कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए रणनीति तैयार करते समय वैज्ञानिक सलाह को तरजीह देने के मामले में भारतीय नीति निर्माता दुनिया में 15वें स्थान पर हैं। न्यूजीलैंड पहले, चीन दूसरे और अर्जेंटीना के नेता तीसरे स्थान पर हैं। हैरानी की बात है कि दुनिया में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक देने वाले देशों में शामिल अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन के लॉ मेकर काफी पीछे हैं। जापान 17वें, फ्रांस 18वें, रूस 21वें, ब्रिटेन 22वें, ब्राजील 23वें और अमेरिका 24वें स्थान पर हैं।

    13:16 (IST)13 Nov 2020
    टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की शिकायत की

    दुनिया में लोकप्रिय इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने कोरोनावायरस के लिए किए जाने वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट्स को बकवास करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कुछ बेहद बोगस चल रहा है। आज चार बार मेरी टेस्टिंग हुई। इसमें दो बार नतीजे निगेटिव आए, दो बार पॉजिटिव आए। वही मशीन, वही टेस्ट, वही नर्स।

    12:51 (IST)13 Nov 2020
    केजरीवाल ने जताई उम्मीद- 7 से 10 दिन में दिल्ली में नियंत्रण में आएगी स्थिति

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति में 7 से 10 दिन में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के केसों को नियंत्रित करने में इतना समय लगेगा। हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। पिछले एक हफ्ते में राजधानी में हर दिन रिकॉर्ड नए केस आ रहे हैं। आलम यह है कि अब कोरोना के प्रतिदिन केस आठ हजार के आंकड़े को पार कर गए हैं। 

    12:25 (IST)13 Nov 2020
    वित्त मंत्री ने कोविड-19 टीके पर शोध के लिए की अनुदान देने की घोषणा

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज के साथ कोविड-19 टीके पर शोध के लिये जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अनुदान के दायरे में टीके की वास्तविक लागत और वितरण का खर्च शामिल नहीं है। टीका उपलब्ध होने पर इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘टीके की वास्तविक लागत या टीका वितरण के लिये उसके रखरखाव और जगह-जगह पहुचांने के लिये जरूरी ‘लॉजिस्टिक’ का खर्च पूरी तरह से अलग है। जब भी इसकी जरूरत होगी, उपलब्ध कराया जाएगा। यह अनुदान पूरी तरह से टीका विकास के लिये उसके शोध को लेकर है। अनुदान राशि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पास जाएगी।’’ सीतारमण ने कहा कि घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा और हरित ऊर्जा के लिए पूंजीगत एवं औद्योगिक व्यय के लिए 10,200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन का भी प्रावधान किया जाएगा।

    12:01 (IST)13 Nov 2020
    भारत के पास 240 करोड़ डोज बनाने की क्षमता, पर एक साल में 55-60 करोड़ ही लग पाएंगी

    भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच सरकार ने वैक्सीन आम लोगों तक पहुंचाने की पूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर आबादी को टीका लगाने के लिए भारत को 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी। भारतीय कंपनियां 240 करोड़ डोज बना सकती हैं। इसके अलावा टीकाकरण के लिए जरूरी पर्याप्त वाइल, स्टोपर्स, सीरिंज, गेज, अल्कोहल स्वैब बनाने की क्षमता भी भारत के पास है। लेकिन, कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रीजरेटेड वैन की संख्या कम होने के कारण एक साल में 55 से 60 करोड़ डोज ही लग पाएंगे। भारत जिन टीकों की पहले उम्मीद कर रहा है उनमें एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन शामिल हैं। इन्हें 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में स्टोर करना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जनवरी, 2021 तक टीके उपलब्ध हो सकते हैं।

    11:35 (IST)13 Nov 2020
    पीएम मोदी ने किया जयपुर में आयुर्वेद शिक्षण-अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आयुर्वेद दिवस के मौके पर गुजरात के जामनगर में इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद और राजस्थान के जयपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद का उद्घाटन किया।

    11:09 (IST)13 Nov 2020
    यूरोपियन यूनियन फाइजर से 30 करोड़ डोज खरीदेगा

    यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि वह बायोएनटेक और फाइजर द्वारा विकसित टीके के 30 करोड़ डोज खरीदेगा। कंपनियों ने बताया कि इस साल के अंत तक डिलीवरी शुरू हो जाएगी। हालांकि ईयू ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि टीके को किस तरह रोलआउट किया जाएगा और कहां कितने डोज पहुंचाए जाएंगे। फाइजर ने दावा किया है कि उसका टीका 90 फीसदी से ज्यादा असरदार है।

    10:36 (IST)13 Nov 2020
    रूस की कोरोना वैक्सीन की पहली खेप भारत आईः रिपोर्ट्स

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन Sputnik-V की पहली खेप भारत पहुंच गई है। हाल ही में फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज को रूसी कोरोना वैक्सीन के भारत में ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिली थी। डॉ. रेड्डीज और स्पुतनिक-वी के वाहन से उतारे जा रहे छोटे कंटेनरों का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

    10:10 (IST)13 Nov 2020
    भारत में एक दिन में कोरोना के 44,878 नए केस, 547 की मौत

    भारत में कोरोना के केसों में कमी आई है। गुरुवार के आंकड़ों के मुकाबले शुक्रवार को 6 फीसदी कम केस आए। फिलहाल देश में कोरोना के कुल केसों की संख्या 87 लाख 28 हजार के पार है। वहीं, कुल मृतकों की संख्या 1 लाख 28 हजार 688 पहुंच गई है। देश में 4 लाख 84 हजार एक्टिव केस हैं। इसके अलावा 81 लाख 15 हजार लोग अब तक रिकवर हो चुके हैं।

    09:43 (IST)13 Nov 2020
    Pfizer की कोरोना वैक्सीन की ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति भारत के लिए बड़ी चुनैती

    AIIMS के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को बताया कि दवा कंपनी फाइजर द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 टीके के भंडारण के लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान की आवश्यकता है और यह भारत जैसे विकासशील देशों, खास तौर से कस्बों और ग्रामीण इलाकों में टीके की आपूर्ति के लिए बड़ी चुनौती है। गुलेरिया का कहना है कि भारत में ज्यादार टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है। देश के ज्यादातर हिस्सों में कोल्ड चेन में सबसे कम शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान में टीके रखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के कस्बों, गांवों और सुदूर क्षेत्रों में इतने कम तापमान वाली कोल्ड स्टोरेज चेन नहीं हैं, ऐसे में टीके को वहां तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगा।

    09:19 (IST)13 Nov 2020
    कोरोना के लक्षण वालों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग का सिस्टम नाकाम रहा

    अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। इसमें कहा गा है कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले यात्रियों के लक्षण जांचने के लिए जो व्यवस्थाएं की गई थीं, वे प्रभावकारी नहीं रहीं। कई देशों ने कोरोना के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर ही तापमान जांच और लक्षण देखने की शुरुआत की थी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, सभी देशों में यह सिस्टम लगभग नाकाम रहा।

    08:55 (IST)13 Nov 2020
    सिंगापुर ने आसियान देशों में कोविड-19 का टीका तेजी से किफायती स्तर पर आपूर्ति का आह्वान किया

    सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने कोविड-19 महामारी को 2020 की निर्णायक चुनौती बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि टीका उपलब्ध होने पर आसियान देशों को अपने लोगों तक इसकी निर्बाध, तेजी से और किफायती स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) के डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने प्रत्येक व्यक्ति तक टीका की पहुंच का आह्वान किया और महामारी के दूरगामी असर को कम करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की महत्ता पर जोर दिया।

    ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ अखबार ने ली के हवाले से कहा है, ‘‘हमारे विदेशी भागीदार और आसियान के सदस्य राष्ट्र भी टीका विकसित कर रहे हैं। हमारे क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें टीका के उत्पादन और वितरण पर उनके साथ काम करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सिंगापुर कोविड-19 टीका को लेकर वैश्विक पहल का समर्थन करता है, जिसके सदस्यों में आसियान के देश भी शामिल हैं ।

    08:22 (IST)13 Nov 2020
    ‘कोविशिल्ड’ टीके के तीसरे चरण के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ के लिए आईसीएमआर, एसआईआई ने पंजीकरण किया पूरा

    पुणे स्थित ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ (एसआईआई) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारत में कोविड-19 के टीके ‘कोविशील्ड’ के तीसरे चरण के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ के लिए 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा होने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। अमेरिका की ‘नोवावैक्स’ द्वारा विकसित ‘कोवोवैक्स’ के लिए आईसीएमआर और एसआईआई मिलकर काम कर रहे हैं।

    आईसीएमआर ने एक बयान में कहा, ‘‘साझेदारी महामारी के फैलने के गंभीर परिणामों को कम करने के लिए निजी-सार्वजनिक संस्थानों के सहयोग का एक शानदार उदाहरण है।’’
    आईसीएमआर ‘क्लिनिकल ट्रायल साइट’ का खर्च उठा रहा है और एसआईआई ‘कोविशील्ड’ पर आने वाले अन्य खर्चे उठा रही है।

    अभी एसआईआई और आईसीएमआर देश में 15 विभिन्न केन्द्रों में ‘कोविशील्ड’ का 2/3 चरण का ‘क्लिनिकल ट्रायल’ कर रहे हैं। उन्होंने 31 अक्टूबर को सभी 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा कर लिया था।