कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। इसके प्रकोप से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। इस लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी लगाने वाले, रिक्शा चलाने वाले बेहद परेशान हैं। देश बंद होने की वजह से इन लोगों के पास कोई काम नहीं है, जिसके चलते एक टाइम का खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। ऐसे में ये गरीब लोग अपने-अपने गांवों की तरफ पलायन कर रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी नोएडा में रिक्शा चलाने वाले एक मजदूर की है। मध्यप्रदेश के हरपालपुर का रहने वाला एक मजदूर 4 दिन पहले नोएडा से पत्नी को रिक्शे पर बैठाकर 550 किमी के सफर पर निकला है।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एमपी के छतरपुर के पास हरपालपुर में रहने वाले बृजकिशोर बुधवार को रिक्शा लेकर झांसी पहुंचे। वहां उन्होने बताया कि गाँव में साहूकारों का इतना कर्ज बढ़ गया था इसलिए दो साल पहले वे पत्नी संग नोएडा चले गए थे। वहां जाकर वे रिक्शा चलाने लगे थे वहीं पत्नी घरों में झाड़ू-पोंछा करती थीं। दो वक़्त कि रोटी आसानी से मिल जाती थी। लेकिन 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद सब बादल गया।
जनता कर्फ्यू के बाद पीएम मोदी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश को 21 दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया। जिसके चलते बृजकिशोर और उनकी पत्नी का रोजगार पूरी तरह छिन गया। रोजगार नहीं होने की वजह से न खाने को पैसे थे ना ही किराया देने के लिए कुछ बचा था। मकान मालिक ने भी घर से जाने के लिए बोल दिया। दिन में पुलिस ने नहीं निकलने दिया तो शाम होते ही हम रिक्शे से निकल आए।
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बृज किशोर की पत्नी माया बताती हैं कि मेरे पति लगातार 4 दिन से रिक्शा चला रहे हैं। नोएडा से हमारे घर की दूरी 550 किमी है। हम रास्ते में पूरी 4 रातें बिता चुके हैं। दिन में तो सामान्य स्थिति रहती है, रात होते ही डर लगने लगता है।
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