Coronavirus Lockdown 5.0: कोरोना वायरस और लॉकडाउन काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जून, 2020) को देश को विकास की रफ्तार और आत्मनिर्भर बनाने को लेकर अपने मन की बात देश के सामने रखी। 5-‘I’ (Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure and Innovation) का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा- ये पांच चीजें देश के विकास को गति देने और खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहद जरूरी हैं। हाल ही में आपने ये चीजें हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में भी देखी होंगी।
पीएम मोदी के मुताबिक आज देश जिस दिशा में बढ़ रहा है। फिर चाहे वह माइनिंग, एनर्जी या फिर रिसर्च और टेक्नोलॉजी का सेक्टर हो…हर क्षेत्र में हमारे युवाओं के लिए ढेर सारे नए अवसर होंगे। बकौल मोदी, “कोरोना के खिलाफ अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकना हमारी सबसे बड़ी और पहली प्राथमिकताओं में से एक है। इसके लिए हमारी सरकार ने फौरन फैसले लिए। हमने ऐसे निर्णय भी लिए, जो कि आगे देश को इस दौड़ में खासा मदद करेंगे।”
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Confederation of Indian Industry (CII) के 125वें वार्षिक सत्र के मौके पर पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि मैं तो गेटिंग ग्रोथ बैक से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा। हां, मुझे यकीन है कि हम अपनी ग्रोथ को वापस हासिल कर लेंगे। कई लोग कहेंगे कि मैं इस संकट की घड़ी में कैसे ये कह सकता हूं। मुझे भारतीय क्षमता, कीमत प्रबंधन, प्रतिभा, तकनीक, बुद्धिजीवियों, किसानों, एसएमई, उद्यमियों और उद्योग जगत के लीडर्स आदि पर भरोसा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ने हमारी स्पीड जितनी भी धीमी की हो, लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत, लॉकडाउन को पीछे छोड़कर UnLockPhase1 में प्रवेश कर चुका है। UnLockPhase1 में इकोनॉमी का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद की है। इस योजना के तहत 74 करोड़ लाभार्थियों के घर तक राशन पहुंचाया जा चुका है। प्रवासी श्रमिको के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा अभी तक गरीब परिवारों को 53000 करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। महिलाएं, दिव्यांग, बुजुर्ग हो या श्रमिक हो हर किसी को इससे लाभ मिला है।
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मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं प्राइवेट सेक्टर के 50 लाख कर्मचारियों के खाते में 24% EPF का योगदान सरकार ने दिया है। इनके खाते में करीब 800 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफ़ार्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं कृषि सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था। APMC एक्ट में बदलाव के बाद अब किसान जिसे चाहे अपनी फसल बेच सकता है।
उन्होंने कहा कि MSMEs की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के ग्रो कर पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी।