ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों में से छह के नमूनों में सार्स-सीओवी2 यानी कोरोना विषाणु का नया स्वरूप (स्ट्रेन) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि इनमें से तीन का बंगलुरु की निमहास प्रयोगशाला में, दो का हैदराबाद की सीसीएमबी प्रयोगशाला में और एक का पुणे की एनआइवी प्रयोगशाला में संक्रमित होने का पता चला है।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से सुरक्षा में नाकाम रहेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब तक यह नहीं पाया गया है कि नया स्वरूप बीमारी की गंभीरता को बढ़ा देता है।
पत्रिका ‘द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स क्लीनिकल केस रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित ताजा अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के जो मरीज एसजीएलटी2आई दवा ले रहे हैं, उनमें डीकेए के एक प्रकार, ईयूडीकेए की स्थिति पैदा होने का अधिक खतरा है। ईयूडीकेए की स्थिति तब पैदा होती है, जब शरीर की कोशिकाएं पर्याप्य ग्लूकोज ग्रहण नहीं कर पाती।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने चेताया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन ब्रिटेन से भारत भी आ गया है। इसके प्रति हमें सतर्क रहना होगा। कहा कि देश की बड़ी आबादी अब भी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है। ठंड के मौसम में इसका प्रभाव ज्यादा दिख सकता है। उन्होंने कहा कि हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि कोरोना के नए स्ट्रेन को वैक्सीन ठीक कर देगा। अब तक इसका भी कोई सबूत नहीं है कि कोरोना का नया संस्करण बीमारी की गंभीरता को बढ़ा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बाद स्वस्थ होने वाले लोगों में इस संक्रमण के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमणमुक्त होने के छह महीने बाद तक और संभवत: इससे भी अधिक समय तक बनी रहती है। दो नए अध्ययनों में यह बात सामने आई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के अब तक 1 करोड़ 2 लाख 24 हजार 303 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 98 लाख 7 हजार 569 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना के सक्रिय मामले भी कम हो रहे हैं। भारत में फिलहाल कोरोना के 2 लाख 68 हजार 581 एक्टिव केस ही बचे हैं।
देश में कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार हो रहा है। भारत में कोरोना के नए मामले लगातार कम हो रहे हैं। देश में बीते 24 घंटों में एक बार फिर से 20 हजार से कम नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान करीब 250 लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में 16,432 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 252 लोगों की मौत हुई है।
ब्रिटेन में हाल ही में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं निर्धारित की हैं, जहां राज्य उनके यहां सामने आने वाले संक्रमण के पांच फीसदी नमूनों को जीनोम श्रृंखला के वास्ते भेजेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में सार्स-सीओवी-2 के प्रकारों (स्ट्रेन्स) की प्रयोगशाला तथा महामारी विज्ञान निगरानी के लिए एक जीनोमिक निगरानी संघ बनाया है।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से सुरक्षा में नाकाम रहेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब तक यह नहीं पाया गया है कि नया स्वरूप बीमारी की गंभीरता को बढ़ा देता है।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से सुरक्षा में नाकाम रहेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब तक यह नहीं पाया गया है कि नया स्वरूप बीमारी की गंभीरता को बढ़ा देता है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने चेताया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन ब्रिटेन से भारत में भी आ गया है। इसके प्रति हमें सतर्क रहना होगा। कहा कि देश की बड़ी आबादी अब भी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है। ठंड के मौसम में इसका प्रभाव ज्यादा दिख सकता है। उन्होंने कहा कि हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते हैं।
उत्तरप्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमित 18 और लोगों की मौत हो गई तथा 1044 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में कोविड-19 से 18 और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8340 हो गई है।
मुधमेह से पीड़ित कोई व्यक्ति यदि ग्लूकोज का स्तर कम करने वाली एजीएलटी2आई नामक दवा लेता है, तो कोरोना वायरस से संक्रमित होना उसके लिए घातक साबित हो सकता है। एक नए अध्ययन में इसे लेकर सचेत किया गया है। अमेरिका स्थित ब्रिघम ऐंड वुमेन्स हास्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जब बीमारी कोशिकाओं को काम करने के लिए पर्याप्त ग्लूकोज प्राप्त करने से रोकती है, तो ‘डायबटिक कीटोएसिडोसिस’ (डीकेए) की स्थिति पैदा हो सकती है।
ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि नया टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर प्रभावी नहीं होगा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वुहान के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस का पहला मामला पिछले साल दिसम्बर में सामने आया था। शहर के 1.1 करोड़ लोगों पर इस साल 23 जनवरी को लॉकडाउन लगाया गया और इसके बाद हुबेई प्रांत में भी लॉकडाउन लगाया गया। दोनों जगह आठ अप्रैल तक लॉकडाउन था। हुबेई में वायरस से 4,512 लोगों की मौत हुई, जिनमें वुहान के 3869 लोग शामिल है। हुबेई में अभी तक वायरस के 68,134 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 50,339 मामले वुहान के हैं। इस साल मई में, वुहान प्रशासन ने लगभग अपनी पूरी आबादी की कोविड-19 जांच भी की थी। इसके बाद भी यहां कुछ मामले सामने आए हैं।
चीन के शहर वुहान में कोविड-19 का आपात टीकाकरण शुरू कर दिया गया है, जबकि चीन ने अभी तक अपने किसी भी टीके को प्रमाणित नहीं किया है। कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी का रूप लेने से पहले इसका सबसे पहला मामला वुहान में ही सामने आया था। वुहान में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र के उप निदेशक ही झेनयू ने पत्रकारों को बताया कि 15 जिलों के 48 समर्पित क्लिनिक में 24 दिसम्बर से टीकाकरण शुरू हुआ। इसमें 18 से 59 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों के निश्चित समूहों का टीकाकरण किया जा रहा है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने ही के हवाले से कहा कि इन लोगों को चार सप्ताह के अंतराल में टीके की दो खुराक दी जाएगी।
ब्रिटेन से हाल में आए तीन लोगों के नए प्रकार के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) ने मंगलवार को इस बारे में बताया। वायरस के नए स्वरूप का पता लगाने के लिए करीब 40 नमूने सीएसआईआर-सीसीएमबी में भेजे गए थे। इनमें से तीन नमूनों में नए प्रकार के कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उन्होंने खुद को घर में पृथक कर लिया है। चौबे ने सोमवार को ट्वीट किया कि कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती लक्षण दिखने बाद उन्होंने जांच कराई थी। उन्होंने हाल ही में उनके संपर्क में आए सभी लोगों से जांच कराने का अनुरोध किया है। केन्द्रीय मंत्री कहा, ''कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती लक्षण दिखने के बाद मैंने जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट में में मेरे संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मेरी तबीयत ठीक है और मैं डॉक्टरों की सलाह पर पृथकवास में रहने के सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा हूं। मैं बीते कुछ दिन में अपने संपर्क में आए सभी लोगों से खुद को पृथक करने और जांच कराने का अनुरोध करता हूं।''
रूस के बाद बेलारूस ऐसा पहला देश है जिसने रशियन स्पूतनिक वी कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यहां जल्द टीकाकरण शुरू होगा।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की पत्नी संतोष शैलजा का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मंगलवार तड़के निधन हो गया। शैलजा का राज्य के कांगड़ा जिले के टांडा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था। मंत्री ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजन को यह अपूरणीय क्षति सहने की ताकत देने की प्रार्थना की।
शैलजा कुछ दिन पहले संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुमार को संक्रमित पाए जाने के एक दिन बाद शनिवार को टांडा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार के चार अन्य सदस्य, उनका निजी सचिव, सुरक्षा अधिकारी और चालक भी संक्रमित पाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका और उनके परिवार का हाल-चाल जानने के लिए रविवार को उनसे बात की थी।
भारत में इस महीने तीसरी बार कोविड-19 के एक दिन में 20 हजार से कम नए मामले सामने आने से देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,02,24,303 हो गए, जिनमें से 98 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कुल 16,432 नए मामले सामने आए, जो पिछले छह महीने में इस अवधि में सामने आए सबसे कम मामले है। वहीं 252 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,48,153 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार अभी तक कुल 98,07,569 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.92 हो गई है। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। देश में लगातार आठवें तीन उपचाराधीन लोगों की संख्या तीन लाख से कम है। अभी 2,68,581 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.63 प्रतिशत है।
ब्रिटेन से भारत लौटे छह लोगों के नमूनों में सार्स-सीओवी2 का नया स्वरूप (स्ट्रेन) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरू स्थित निमहांस, हैदराबाद स्थित सीसीएमबी और पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए आए नमूनों में वायरस का नया स्वरूप पाया गया। मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है।
उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।’’