भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने बिना लक्षण और हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिये आयुर्वेद और योग पर आधारित हाल ही में जारी सरकारी नियमों के वैज्ञानिक आधारों पर सवाल उठाए हैं।
केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कोविड-19 रोगियों के नैदानिक प्रबंधन को लेकर नियम जारी किये थे, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण से बचने और हल्के तथा बिना लक्षण वाले रोगियों इलाज के लिये आहार, योग और अश्वगंधा और आयुष -64 जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के योगों की सूची दी गई है।
आईएमए ने कहा, ”क्या इस दावे का समर्थन करने वालों और उनका मंत्रालय कोविड से बचाव और इलाज पर शोध के लिये खुद को स्वयंसेवक के तौर पर पेश करने के लिये तैयार हैं। मंत्रिमंडल के उनके कितने साथियों ने इन नियमों के तहत इलाज कराने की इच्छा जतायी है?”
सर्दियों में हर दिन आएंगे दिल्ली में 15 हजार नए केस?: आगामी सर्दी के मौसम में सांस की समस्याओं, बाहर से आने वाले मरीजों की बड़ी तादात और बड़े उत्सव समारोहों को ध्यान में रखते हुए, प्रतिदिन कोविड-19 के लगभग 15,000 नये मामलों के लिए दिल्ली को तैयार करने की आवश्यकता है। एनसीडीसी की रिपोर्ट में इसको लेकर आगाह किया गया है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से इसके लिए व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है।
एनसीडीसी ने अपनी ‘कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति के संस्करण 3.0’ में यह भी बताया कि दिल्ली में समग्र कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक संभव हो मृत्यु दर को कम करना महामारी के प्रबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक होना चाहिए।