कोरोना से लड़ाई के ल‍िए 21 द‍िन के ल‍िए की गई देशबंदी (लॉकडाउन) का अब आख‍िरी हफ्ता चल रहा है। 21 द‍िन बाद, 15 अप्रैल से क्‍या क‍िया जाएगा, यह इसी हफ्ते की स्‍थ‍ित‍ि पर न‍िर्भर करेगा। इस हफ्ते टेस्‍ट की संख्‍या बढ़ाने पर जोर है। 6 अप्रैल तक कुल 1,14,015 सैंपल टेस्‍ट क‍िए जा चुके थे। 7 अप्रैल को 24 घंटे में 12,584 सैंपल जांचे गए। लक्ष्‍य है क‍ि जांच की संख्‍या रोज 40 हजार तक ले जाई जाए। कई राज्‍य सरकारें भी ज्‍यादा से ज्‍यादा जांच करने की नीत‍ि पर चलने लगी हैं।

ज्‍यादा से ज्‍यादा टेस्‍ट हो, इसके ल‍िए जरूरी संसाधन की चुनौती बरकरार है। नोएडा और भुवनेश्‍वर में जांच के ल‍िए दो पावरफुल मशीनें लगाई गई हैं, जो रोज 1300-1400 सैंपल जांच सकती हैं। ऐसी 12 मशीनें अभी ऑर्डर की गई हैं, ज‍िनके म‍िलने में तीन हफ्तों का वक्‍त लग सकता है। लेक‍िन, इस बीच टीबी जांचने वाली मशीन, CBNAAT और TRUNAT को भी COVID-19 जांच के ल‍िए इस्‍तेमाल क‍िया जा रहा है।

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कोरोना संक्रम‍ित मरीजों की संख्‍या 5000 पार कर गई हैं और मौतों का आंकड़ा भी 125 से ज्‍यादा हो गया है। हालांक‍ि, इस बीच 353 मरीज ठीक होकर अस्‍पताल से घर भी पहुंचे हैं। फ‍िर भी संक्रम‍ितों की संख्‍या में तेजी से बढ़ोत्‍तरी च‍िंता का व‍िषय बना हुआ है।

10 अप्रैल के बाद इस बारे में कोई न‍िर्णय ल‍िए जाने की उम्‍मीद है। प्रधानमंत्री व‍िशेषज्ञों और राज्‍यों से व‍िचार-व‍िमर्श कर अंत‍िम न‍िर्णय लेंगे। कई राज्‍य पूर्ण बंदी को बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं। खास कर वे राज्‍य, जहां कोरोना के मरीज बड़ी संख्‍या में हैं। लॉकडाउन बढ़ाए जाने के पक्ष में कई न्‍यूज चैनल्‍स ने भी कैंपेन चलाना शुरू कर द‍िया है। कुछ राज्‍य चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाए जाने की भी वकालत कर रहे हैं।

COVID-19 पैनल के मुख‍िया डॉ. एसके सरीन ने भी इंड‍ियन एक्‍सप्रेस को इंटरव्‍यू में बताया क‍ि मौत रोकने के ल‍िए देशबंदी जरूरी है। इसल‍िए लॉकडाउन बढ़ाया जाना चाह‍िए। अगर इसे हटाया भी जाए तो केवल उन इलाकों में जहां कोरोना संक्रमण का असर न के बराबर है।

देशबंदी के वजह से खेती-क‍िसानी और उद्योग का सारा काम ठप है। अभी फसल कंटाई का मौसम है। सरकार ने कटाई से संबंध‍ित मशीनों की आवाजाही और काम करने की कुछ छूट दी हुई है। लेक‍िन, क‍िसानों तक यह सूचना व्‍यापक रूप से पहुंची नहीं है। इसल‍िए कंटाई का काम लगभग ठप पड़ा है। राजनाथ स‍िंह की अगुआई वाला मंत्र‍ियों का समूह इस मुद्दे पर व‍िचार कर रहा है। कुछ राज्‍य कुछ पाबंद‍ियों के साथ उत्‍पादन कार्य शुरू करने के भी पक्ष में बताए जाते हैं। सरकार का फैसला जो भी हो, पर खुद का ज्‍यादा जागरूक होना और जरूरत होने पर खुद के ल‍िए लॉकडाउन का पालन करना जरूरी है।

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