कोरोना वायरस महामारी के बीच लागू लॉकडाउन ने प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर्स में काम कर रहे लोगों की भी कमर तोड़ दी है। बंद पड़े स्कूलों और कॉलेजों के चलते गैर सरकारी टीचरों के सामने भी कमाई का संकट आ खड़ा हुआ है। ऐसे में शिक्षकों को भी अपनी रोजी रोटी के बंदोबस्त के लिए छोटे मोटे काम की  तलाश करनी पड़ रही है। कुछ ऐसे ही संकट का सामना कर रहे हैं जयपुर में निजी स्कूल में पढ़ाने वाले रामवतार सिंह। कभी शिक्षा की अलख जगाने वाले राम अवतार सिंह कोरोना के चलते फावड़ा कुदाल चलाने को विवश हैं।

जयपुर के पास आसलपुर जोबनेर गांव में एमए, बीएड किए हुए कई शिक्षकों को मनरेगा में काम करना पड़ा रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान राम अवतार सिंह ने बताया कि हमारे जैसे कई शिक्षक जो पहले 20 से 25 हजार कमाते थे उन्हें अब कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के बीच  मनरेगा में काम करना पड़ रहा है। यहां हमें रोज का 235 रुपया मिलता है। स्कूलों के बंद होने के नाते हमने काम के लिए यह रास्ता चुना।

बता दें कि राजस्थान में कोरोना के चलते 7947 लोग संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में मृतकों की कुल संख्या 179 हो गई है। जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 84 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 16 रोगियों की मौत हो चुकी है। अन्य राज्यों के आठ रोगियों की भी यहां मौत हुई है।

इसके अलावा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण देश में पिछले 24 घंटे में 194 और लोगों की मौत हो जाने से गुरुवार को इस घातक बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,531 हो गई और संक्रमण के 6,566 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,58,333 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने बताया कि देश में 86,110 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, 67,691 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक 42.75 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।’’