ग्रामीण भारत में प्रौद्योगिकी की कमी पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के प्रमुख आरएस शर्मा ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रणाली समावेशी हो, हमने 1075 कॉल सेंटर खोले हैं जहां कोई भी कॉल और अपॉइंटमेंट बुक कर सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक करने के लिए हमारे साथ भागीदारी करने वाले सभी सामान्य सेवा केंद्र हैं। तथ्य यह है कि 45+ आयु वर्ग की आधी से अधिक आबादी वॉक-इन पंजीकरण कर रही है और टीकाकरण करवा रही है, यह प्रणाली की समावेशिता का पर्याप्त प्रमाण है। समस्या 18-45 आयु वर्ग में हो रही है क्योंकि टीके की आपूर्ति कम है। यह अस्थायी समस्या है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था पारदर्शी है। चाहे वीवीआईपी हो या सामान्य नागरिक, हर कोई टीकाकरण के लिए एक ही डेटा को देख रहा है। इससे लोगों को विश्वास होता है कि सिस्टम किसी को प्राथमिकता नहीं दे रहा है।
इस बीच डॉ रेड्डीज लैब द्वारा DRDO की 2DG एंटी-कोविड 19 दवा की कीमत 990 रुपये प्रति पाउच रखी गई है। सरकारी अस्पतालों, केंद्र और राज्य सरकार को रियायती मूल्य पर दवा उपलब्ध कराई जाएगी। मालूम हो कि आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कोविड-19 रोधी टीकों के खराब होने को लेकर भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह झूठ की राजनीति कर कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिराने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही गहलोत ने राजस्थान में टीकों की 11.5 लाख खुराक खराब होने की मीडिया की खबरों को भी गलत बताया।
गहलोत ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ राजस्थान में कोविड-19 टीकों की 11.5 लाख खुराक बर्बाद होने की खबर झूठी है। कोविन सॉफ्टवेयर पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 26 मई तक राज्य में 1,63,67,230 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इसमें से 3.38 लाख खुराब हुई है, जो सिर्फ दो प्रतिशत है। यह टीका खराबी के राष्ट्रीय औसत से छह प्रतिशत तथा भारत सरकार द्वारा टीके खराबी की अनुमति सीमा से 10 प्रतिशत कम है।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि महामारी के समय में जानबूझकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। हम सभी को साथ लेकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी ऐसे झूठे आरोप लगाकर 14 महीने से दिन रात मेहनत कर रहे कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिराने का प्रयास कर रही है।’’