दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन का इंतजार है। ब्रिटेन और अमेरिका ने वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी भी दे दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट करके कहा, ‘अब मॉडर्ना वैक्सीन लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है।’ इससे पहले अमेरिका ने फाइजर की वैक्सीन को भी अनुमति दे दी थी। दरअसल अमेरिका में एक बार फिर कोरोने के चलते हालात बिगड़ रहे थे। ऐसे में वैक्सीन को मंजूरी देना जरूरी हो गया था।
ब्रिटेन पहले ही वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है। अभी भारत में किसी भी कंपनी के टीके को यूज करने की मंजूरी नहीं मिली है लेकिन बताया जा रहा है जनवरी से टीके लगने शुरू हो सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ हफ्ते में ही दवा कंपनी को इमर्जेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है। दो कंपनियों ने वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अर्जी दी है। इन वैक्सीन का अभी क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।
भारत योजना बना रहा है कि अगस्त के महीने तक 20 करोड़ लोगों को टीका लग जाए। यहां जिन वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल तेजी से चल रहा है उनमें ऑक्सफर्ड और ऐस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड शामिल है। भारत में सीरम इंस्टिट्यू,ट इसे डिवेलप करने का काम कर रहा है। दूसरी वैक्सीन है कोवैक्सीन जिसे भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर बनाया है। इन्हीं दोनों ने ही इमर्जेंसी यूज के लिए आवेदन भी किया है।
इसके अलावा जाइकोव-डी वैक्सीन को अहमदाबाद की कंपनी जाइडस कैडिला बना रही है। हैदराबाद में बायोलॉजिकल ई एमआईटी के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही है। पुणे की कंपनी जेनोवा भारत की पहली mRNA वाक्सीन बना रही है। इसके अलावा भारत में रूस के जेमेलिया नैशनल सेंटर और डॉक्टर रेड्डी लैब की वैक्सीन स्पुतनिक वी पर काम चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक चार वैक्सीन पूरी तरह से देसी हैं। अधिकारियों के मुताबिक देश में आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिलते ही टीके लगने शुरू हो जाएँगे। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद पुलिसकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है। सरकार ने कोरोना वैक्सीन के वितरण का पूरा प्लान बना लिया है।