लॉकडाउन के कारण देश का गरीब वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते पूरे देश को 21 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। जिसके चलते गरीब दिहाड़ी मजदूरों के पास न तो कोई काम बचा है ना एक टाइम का खाना खाने के लिए पैसे। इसपर वरिष्ठ पत्रकार तावलीन सिंह ने एक ट्वीट किया है और सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा है। तावलीन ने अमृता ढिल्लों द्वारा द गार्जियन में लिखे गए एक आर्टिकल को शेयर किया है। वरिष्ठ पत्रकार ने इसे शेयर करते हुए लिखा “एक और पत्रकार जिसे जल्द ही भाजपा चुप कराएगी। इस लॉकडाउन की सच्चाई बताना खतरनाक है।”
द गार्जियन में छापे इस आर्टिकल की हैडलाइन है “अमीर आराम से गटक रहे शराब, गरीबों को छोड़ दिया भेड़ियों के पास”, इस आर्टिकल की मदद से ढिल्लों ने बताया है कि कैसे इस लॉकडाउन ने समाज के दो वर्गों को अलग कर दिया है। जो अमीर वर्ग है वह अपने – अपने घरों में बैठकर नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार जैसे ओटीटी कंटैंट का मज़ा ले रहे हैं। वे घर में बैठकर आराम से शराब गटक रहे हैं। ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक गरीब तबका है जो रोज़ कमाता है और रोज़ खाता है। इन लोगों को हमने भेड़ियों के पास छोड़ दिया है। इसके पास हमारी तरह खाना, पैसा, दवाइयाँ नहीं हैं।
Coronavirus in India LIVE Updates: यहां पढ़ें कोरोना वायरस से जुड़ी सभी लाइव अपडेट
हम अपने परिवार वालों से वीडियो कॉल और फ़ेस टाइम के जरिये बात कर सकते हैं लेकिन उनके पास ऐसा कुछ नहीं है। ये लोग अपनी माँ, बेटी, पत्नी, बहन, भाई सब से दूर हैं। उनके लिए लॉकडाउन का अर्थ है एक ऐसे कमरे में बंद रहना जो किराए का है और उसमें छह या सात अन्य मजदूर भी हैं।
बता दें देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1251 हो गए हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्टस में यह आंकड़ा 1400 के पार बताया जा रहा है। इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 32 हो गया है। मंगलवार को अभी तक 70 नए मामले सामने आए हैं।
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?