अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अब से कुछ देर में शुरू हो जाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे इस कार्यक्रम पर ‘मंदिर के अधूरे निर्माण’ की बात कहते हुए विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे। जिसके बाद बताया गया कि मंदिर पूरी तरह से साल 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के 4000 से ज्यादा संत शामिल होंगे। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि परंपरागत नागर शैली में बनाए जा रहे राम मंदिर की क्या विशेषताएं हैं और इसे किस तरह बनाया गया है? श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या की मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेंद्र मिश्रा कहते हैं, “मंदिर एक हजार साल से अधिक समय तक चलने के लिए बनाया गया है।”
नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे एक प्रतिष्ठित संरचना बनाने में योगदान दिया है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। यहां तक कि मंदिर में इसरो की टेक्नोलॉजी का भी खास उपयोग किया गया है।
10 पॉइंट्स में जानिए मंदिर से जुड़ी हर बात
- अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर को तीन मंजिला रखा गया है। जिसकी लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
- अगर बात की जाए राम मंदिर का मूल डिजाइन पर तो इसे 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने तैयार किया था। इस परिवार ने राम मंदिर के मूल डिजाइन में कुछ बदलाव करके साल 2020 में इसे फिर से तैयार किया। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं। सोमपुरा परिवार ने राम मंदिर को नागर शैली की वास्तुकला पर बनाया है।
- आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि गर्भगृह में भगवान राम की प्रतिमा उनके बालस्वरूप रामलला के रूप में ही स्थापित की जाएगी। गर्भगृह में वह पांच साल की उम्र के बालक के रूप में अकेले ही स्थापित किए जाएंगे। फर्स्ट फ्लोर पर गर्भगृह में रामदरबार बनेगा। यहां भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ विराजेंगे। उनके चरणों में भक्त हनुमान भी सुशोभित होंगे।
- फिलहाल राम मंदिर का मुकम्मल निर्माण नहीं हुआ है लेकिन धीरे-धीरे कुछ तस्वीरें निकल कर सामने आ रही हैं। राम मंदिर पहले फ्लोर पर लगे सोने के दरवाजे की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसपर बहुत खूबसूरत नक्काशी की गई है। यह दरवाजा 12 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है। राम मंदिर में कुल 46 जरवाजे लगेंगे। इनमें से 42 दरवाजों पर कुल 100 किलो सोने की परत चढ़ाई जाएगी। मंदिर की सीढ़ियों के पास लगने वाले 4 दरवाजों पर सोने की परत नहीं चढ़ाई जाएगी। मंदिर में लगे दरवाजे और खिड़कियों की लकड़ियां महाराष्ट्र से लाई गई है। वही इनकी नक्काशी हैदराबाद के कारीगरों ने की है।
- प्रभु श्रीराम का बालरूप मुख्य गर्भगृह में होगा जबकि प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा। मंदिर में पांच मंडप होंगे जिसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप होंगे। राम मंदिर में लगे खंभों और दीवारों में देवी-देवता और देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं।
- मंदिर परिसर में 44 फीट लंबा और 500 किलो का एक ध्वय दंड भी लगाया गया है। 22 जनवरी को भगवान रामलला का अभिषेक देश की पवित्र नदियों और कुंडों के जल से किया जाएगा।
- भगवान रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के लिए थाईलैंड के राजा ने वहां की मिट्टी भेजी है। तो वही कंबोडिया से हल्दी आई है। भगवान रामलला की मूर्ति की बात करे तो इस मूर्ति को राजस्थान और कर्नाटक के पत्थरों से तैयार किया गया है। मंदिर निर्माण के कुल खर्च की बात करें तो मंदिर निर्माण में करीब 900 करोड़ रूपये का खर्च आया है।
- प्रधानमंत्री 22 जनवरी को जिस गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा करेंगे वह ग्राउंड फ्लोर पर है। ग्राउंड फ्लोर पर 160 खंभे या स्तंभ बने हैं। प्रवेश के मुख्य द्वार को सिंह द्वार कहा गया है। सिंह द्वार के ही समीप बनने वाले प्लाजा पर दीप स्तंभ भी बनाए जाएंगे।
- मंदिर कॉम्प्लेक्स का दो-तिहाई क्षेत्र (करीब 48 एकड़) हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए लैंडस्केपिंग और पौधारोपण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होंगे। परिसर में विकसित की जाने वाली वाटिकाओं का नामकरण भी रामायणकालीन पात्रों के नाम पर होगा। राम मंदिर परिसर में जो पौधे लगाए जा रहे हैं, वे भी अलग-अलग नक्षत्रों और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार चयनित किए गए हैं।
- दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स की सुविधा भी रहेगी।