Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र अगले हफ्ते शुरू होने वाला है। इस सत्र में कांग्रेस (Congress) ने बॉर्डर, इकोनॉमी और संस्थानों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की बात कही है। कांग्रेस संसदीय रणनीति कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण पर अपनी राय में अधिक सुधार करते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने सरकार से संसद में इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने के लिए कहने का फैसला किया है।

इस बैठक की अध्यक्षत कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही थीं। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और पी चिदंबरम सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

कांग्रेस करेगी EWS कोटा पर सवाल

कांग्रेस ने शुरू में सामान्य श्रेणी में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। कांग्रेस ने तर्क दिया था कि 103वां संविधान संशोधन जो 10 प्रतिशत EWS कोटा प्रदान करता है। कांग्रेस ने कहा था कि मनमोहन सरकार में शुरू की गयी एक प्रक्रिया का हिस्सा था। कई नेताओं विशेष रूप से तमिलनाडु के नेताओं ने नेतृत्व से कहा था कि उसे समर्थन कतरने वाले फैसले का स्वागत करने के में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इसको देखते हुए कांग्रेस ने इस मामले को लेकर अपनी स्थिति बदल ली और अब कांग्रेस इस सवाल को संसद के शीतकालीन सत्र में उठाएगी।

हर मुद्दे पर हो चर्चा

इस बैठक में के सी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी और फ्लोर मैनेजर मणिकम टैगोर और कोडिकुन्निल सुरेश भी शामिल थे। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ईडब्ल्यूएस आरक्षण के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने संसद में संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया था लेकिन कई सवाल उठाए था उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया।

सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों ने इसके पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित दो ने कई सवाल खड़े किए। हमारे सांसदों ने संसद में ऐसे ही सवाल उठाए ये सवाल अहम हैं। उन्होने कहा कि हर सवाल पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा चुप क्यों है ?