संसद के आगामी मानसून सत्र में कांग्रेस मोदी सरकार, एनडीए और बीजेपी को घेरेने के लिए एक बड़ी रणनीति के साथ काम करने जा रही है। कांग्रेस की कोशिश पहलगाम आतंकी हमला, भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर के दावे और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर मोदी सरकार को घेरने की है।
इन तीन मुद्दों पर कांग्रेस बेहद आक्रामक रुख अपनाएगी। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा।
सीजफायर को लेकर सवाल उठा रही कांग्रेस
याद दिलाना होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का दावा कर चुके हैं। इसे लेकर कांग्रेस पिछले कुछ दिनों में जबरदस्त हमलावर रही है और पार्टी ने बार-बार कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में भारत का स्टैंड साफ करना चाहिए। जबकि विदेश मंत्रालय स्पष्ट रूप से कह चुका है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।
शुक्लाजी की जगह किसी दलित को भेज देते…
सोनिया ने बुलाई अहम बैठक
मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को 10, जनपथ पर स्थित अपने आवास पर पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, पी. चिदंबरम, तारिक अनवर, कुमारी सैलजा, मनीष तिवारी और जयराम रमेश जैसे सीनियर नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार की जवाब देही तय करने की है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार सीजफायर करने का दावा क्यों कर रहे हैं?
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हम मोदी सरकार से पूछेंगे कि पहलगाम आतंकी हमले के आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए हैं? इसके अलावा बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे वोटर लिस्ट रिवीजन, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, महिला सुरक्षा किसानों की समस्याओं और अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर भी चर्चा करेगी।
जानें कौन हैं हरियाणा के होने वाले नए राज्यपाल आशिम घोष
इंडिया गठबंधन के नेताओं की होगी बैठक
कांग्रेस 19 जुलाई को दिल्ली में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक भी बुलाने जा रही है। पार्टी की कोशिश सदन के भीतर बेहतर कोआर्डिनेशन करने की है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि हम मानसून सत्र में उन मुद्दों को उठाएंगे जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं और बेहद अहम हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विपक्ष को एक स्वर में बात करने की जरूरत है।
क्या 75 साल की उम्र में प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे नरेंद्र मोदी?