भारत में कोरोनावायरस महामारी के बीच संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन दिनों से देश में लगातार कोरोना के रिकॉर्ड नए केस (तीन लाख से ज्यादा) और मौतें (दो हजार के ऊपर) दर्ज हो रही हैं। इसके बावजूद कोरोना को लेकर राजनीतिक लड़ाई का सिलसिला जारी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने महामारी के प्रति ढिलाई बरतने को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। हालांकि, भाजपा प्रवक्ता ने साफ कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ केंद्र का मुद्दा नहीं होतीं, इसमें राज्यों की भी जिम्मेदारी होती है।
क्या थे कांग्रेस प्रवक्ता के आरोप?: कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कोरोनावायरस को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा, “कोई भी पार्टी की राज्य में सरकार हो। वो कांग्रेस हो या भाजपा। उसके जगाए रखने का काम केंद्र सरकार का है। 29 जनवरी को हमारे प्रधानमंत्री ने घोषित कर दिया कि हमने कोरोना को हरा दिया। 135 देशों को हमने सहायता की। मार्च में जब देश में 5.5 करोड़ वैक्सीन दिए गए, तब 6 करोड़ वैक्सीन एक्सपोर्ट कर दिए गए।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, “तब स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि अब हम लोग कोरोना के एंडगेम में हैं, अब कुछ करने की जरूरत नहीं।” गुप्ता बोले- “मैं राजनीति नहीं कर रहा हूं। पर जिम्मेदारी तो तय करनी होगी, क्योंकि देश का जो हाल है। हम नहीं देख पा रहे इसे। हमें कुछ कर के आगे की रणनीति तय करनी होगी। ऑक्सीजन की वजह से जो आज भी हाल हो रहा है, ये नहीं होना चाहिए था। सरकार को तय करना चाहिए कि किसी की भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए।”
भाजपा प्रवक्ता ने पूछा- महामारी में राज्य की कोई जिम्मेदारी नहीं?: इस पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जवाब में कहा, “पूरा खुल्लम-खुल्ला राजनीति हुई इस मुद्दे पर। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लगने का यह मतलब नहीं है कि हेल्थ जो स्टेट का मुद्दा है, बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयां, इसमें प्रदेश सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है? आज महाराष्ट्र में 600 मौतें हुई हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा।”
गौरव भाटिया ने आगे कांग्रेस और राहुल गांधी के ट्वीट्स पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह राजनीति नहीं तो और क्या है। वे केंद्र के खिलाफ बोलते हैं, तो महाराष्ट्र के खिलाफ क्यों नहीं बोलते। 80 करोड़ भारतीयों को केंद्र सरकार दो महीने तक पांच किलो राशन सुनिश्चित करा रहे हैं।”