Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद जी-23 के नेता एक बार फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संचालन समिति के पूर्व अध्यक्ष आनंद शर्मा और आजाद के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुलाकात हुई। इसके अलावा तेलंगाना कांग्रेस में भी बगावत देखने को मिल रही है। बता दें कि पार्टी नेता एमए खान ने शनिवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

आजाद और आनंद शर्मा की मुलाकात:

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दिल्ली में आजाद के आवास पर आनंद शर्मा और उनके बीच मुलाकात एक घंटे से अधिक समय तक चली। इसमें राजनीतिक बदलवाों पर देर तक चर्चा हुई। इस दौरान 26 अगस्त को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री आरएस चिब भी उनके आवास पर मौजूद थे। माना जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर में अपने लिए नये सियासी विकल्प पर नजर गड़ाए बैठे हैं।

इसके चलते गुलाम नबी आजाद ने शनिवार की सुबह ही जम्मू-कश्मीर के तमाम नेताओं से मुलाकात की थी और नई पार्टी को लेकर भी चर्चा की। वहीं रविवार को आनंद शर्मा और आजाद की मुलाकात इसलिए भी अहम क्योंकि अगले दिन यानी रविवार को ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक भी होनी है।

तेलंगाना में भी बगावत:

तेलंगाना कांग्रेस में राज्यसभा के पूर्व सदस्य एमए खान ने अपना इस्तीफा देते हुए कांग्रेस आलाकमान को लिखा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जनता को यह समझाने में पूरी तरह विफल रही है कि वह अपने पुराने फॉर्म को फिर से पा सकती है और देश को आगे बढ़ा सकती है।

उन्होंने कहा कि पार्टी की बेहतरी के लिए जी23 के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी सलाह दी लेकिन उनकी आवाज को नेतृत्व ने नकार दिया और अनसुना तक कर दिया। अगर उन नेताओं पर भरोसा किया जाता और पार्टी उनकी बातें समझती तो आज चीजें अलग होतीं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मामलों से खुद को अलग करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे देता हूं।

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसी साल कपिल सिब्बल भी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं। वहीं एमए खान से पहले गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आजाद ने कहा:

गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे के साथ पत्र में कहा कि वे इस कदम को भारी मन से उठा रहे हैं। उन्होंने सोनिया गांधी के नाम पांच पेज का पत्र लिखा। जिसमें आजाद ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने आधे शताब्दी के पुराने जुड़ाव को तोड़ने का फैसला किया है।” बता दें कि आजाद कांग्रेस के जी-23 के नेताओं में शामिल रहे थे। इस ग्रुप के सदस्यों ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर मांग उठाई थी।

आजाद ने पत्र में लिखा कि राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद खास तौर पर 2013 में जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया, तब से ही पार्टी का परामर्शी तंत्र जो पहले मौजूद था, उसे ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा, “पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चापलूसों के ग्रुप को पार्टी के मामलों को दखल मिलने लगी।”