केरल की लेफ्ट सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ऐसे कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेज दिया, जिसके बाद वहां की राजनीति में हंगामा मच गया। दरअसल केरल में सबसे रंगीन वाटर स्पोर्ट, जो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर आयोजित होती है, इसमें अमित शाह को निमंत्रण दिया गया है। घटनाक्रम के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की है।
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिए गए निमंत्रण से मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की सांप्रदायिक ताकतों के प्रति वफादारी और भाजपा के प्रति उनके प्यार का पता चलता है। वहीं सरकार ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि अमित शाह और दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को 4 सितंबर को अलाप्पुझा के पुन्नमदा झील में कार्यक्रम देखने को आमंत्रित किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यह सभी नेता एक दिन पहले तीसरी दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए राज्य में मौजूद होंगे।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरन ने सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि क्या सीपीआईएम की केरल इकाई द्वारा संघ परिवार के नेताओं को अत्यधिक महत्व पार्टी के politburo के आशीर्वाद से लिया गया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “नेहरू के नाम पर बोट रेस में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहरलाल नेहरू का सबसे अधिक अपमान और उपेक्षा करने वालों को आमंत्रित करने का मुख्यमंत्री का निर्णय आपत्तिजनक है।”
आरोपों को खारिज करते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से सरकार के एक करीबी सूत्र ने कहा कि अमित शाह को दिए गए निमंत्रण में कुछ भी गलत नहीं है। वह तिरुवनंतपुरम में 3 सितंबर को होने वाली दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए राज्य में मौजूद होंगे।
स्वतंत्रता के बाद केरल के अपने पहले दौरे के दौरान 1952 में कुट्टनाड की अपनी यात्रा के उपलक्ष्य में जवाहर लाल नेहरू के नाम पर बोट रेस का नाम रखा गया। उस समय कोट्टायम से अलाप्पुझा जाते समय उनके साथ विशाल स्नेक बोट्स ने उनका जोरदार स्वागत किया था। स्वागत और स्नेक बोट में नौकायन के जबरदस्त उत्साह से प्रभावित होकर जवाहरलाल नेहरू ने विजेता को सम्मानित करने के लिए एक रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की थी। इस ट्रॉफी को बाद में ‘नेहरू ट्रॉफी’ नाम दिया गया।