कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कर आतंकवाद के माध्यम से खाताबंदी की जा रही है और हम ट्रिब्यूनल में तो लड़ ही रहे हैं। इस मामले में जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि वेणुगोपाल जी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखा है। पिछले चार सालों के अंदर करीब तीस कंपनियों के खिलाफ ईडी सीबीआई और इनकम टैक्स छोड़ा गया। इन कंपनियों से भाजपा को 335 करोड़ रुपये चंदा के रूप में मिला है। ये हफ्ता वसूली है और कुछ नही है। इसमें कुछ कम्पनियां, जिन्होंने 2018 से पहले कभी भाजपा को चंदा नही दिए हैं। ये कांग्रेस को चंदा देते थे। अब वो कांग्रेस को चंदा नहीं देते हैं। हमने इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार‌ ने अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी किया है। क्या इस हफ्ता वसूली पर श्वेत पत्र जारी करेंगे?

नाइट्रोजन गैस से मृत्युदंड देने की तैयारी

मोंटगोमरी (अमेरिका), (एपी): अलबामा में मौत की सजा पाए एक दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा की तामील करने की तैयारी की जा रही है। राज्य में मौत की सजा की तामील के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करने का पहला मामला एक माह पहले ही सामने आया था और इस प्रक्रिया से मृत्युदंड देने की काफी अलोचना भी हुई थी।

अलबामा के अटार्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने बुधवार को अलबामा के उच्चतम न्यायायल से दोषी एलन यूजीन मिलर के लिए सजा की तारीख तय करने का अनुरोध किया। अटार्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि मिलर को मौत की सजा नाइट्रोजन हाइपाक्सिया के जरिए दी जाएगी। मिलर (59) को 1999 में बर्मिंघम में तीन लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया है।

सजा के लिए तारीख तय करने का अनुरोध ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब राज्य में इस तरीके से सजा-ए-मौत देने को लेकर अलग-अलग राय व्यक्त की जा रही हैं। दरअसल 25 जनवरी को पहली बार नाइट्रोजन गैस के जरिए केनेथ स्मिथ को मौत की सजा दी गई थी और वहां मौजूद लोगों का कहना था कि स्मिथ को कई मिनट तक झटके आते रहे और वह छटपटा रहा था। अटार्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने कहा कि यह तरीका उपयुक्त है और कहा कि राज्य आगे भी मौत की सजा की तामील में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करेगा।

उन्होंने स्मिथ को सजा दिए जाने के अगले दिन अन्य राज्यों को भी इस तरीके पर विचार करने का अनुरोध किया था। लेकिन मौत की सजा पाए एक अन्य दोषी की ओर से दायर वाद में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि यह ‘इंसान पर किए गए प्रयोग’ जैसा था और इसे सफल नहीं माना जा सकता। इस याचिका में कहा गया कि पहले मानव प्रयोग के नतीजे अब आ गए हैं और वे दर्शाते हैं कि नाइट्रोजन गैस से न तो जल्दी दम घुटता है और न ही यह प्रक्रिया दर्द रहित है बल्कि यह अधिक पीड़ादायक और दर्दनाक है।