महाराष्ट्र विधानमंडल ने शनिवार को कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुनील केदार को विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया। नागपुर की एक स्थानीय अदालत ने नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (NDCCB) में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में सुनील केदार को दोषी ठहराया है।
सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, “महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य सुनील छत्रपाल केदार की दोषसिद्धि के कारण अयोग्य घोषित किया जाता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (ई) के साथ-साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के तहत उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य सुनील छत्रपाल केदार की सीट उनकी सजा की तारीख यानी 22 दिसंबर, 2023 से खाली हो गई है।”
शुक्रवार को सहायक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (नागपुर) की अदालत ने सुनील केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 409, 468, 471, 120 (B) और 34 के तहत दोषी ठहराया। उन्हें पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12,50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।”
अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी खजाने में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि एक निवेश फर्म होम ट्रेड सिक्योरिटीज के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। उस दौरान सुनील केदार बैंक के अध्यक्ष थे।
क्यूरेटिव पिटीशन को SC ने किया स्वीकार
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन को स्वीकार कर लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे एक बड़ी राहत बताया और कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी। एकनाथ शिंदे ने एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने हमारी क्यूरेटिव याचिका स्वीकार कर ली है और 24 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी। क्यूरेटिव याचिका हमारी सरकार द्वारा दायर की गई है। हमने इस पर दो महीने तक कड़ी मेहनत की थी। हमारे प्रयासों का परिणाम आया है। मैं मराठा आरक्षण पर अपना पक्ष रखने का अवसर देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं।”