हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दरअसल हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने सभी बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था और इसी फैसले के खिलाफ बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा कोर्ट ने विधायकों को सदन की कार्यवाही में मतदान करने या भाग लेने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने 6 विधायकों को घोषित किया है अयोग्य
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद स्पीकर ने छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। इन विधायकों ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कांग्रेस के बागी विधायकों ने 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद में सभी 6 विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए बजट पर मतदान से भी गायब रहे थे।
सभी 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन से हार गए। हर्ष महाजन कभी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेता को ही हरा दिया।
जयराम ठाकुर का बड़ा बयान
देशभर में लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। हिमाचल प्रदेश में 4 लोकसभा सीटें हैं और सभी पर एक जून यानी आखिरी चरण में वोटिंग होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने सभी 6 विधानसभा सीटों पर एक जून को ही उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। इसको लेकर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां एक तरफ तीसरी बार केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है, वहीं, 4 जून को हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अब भी अल्पमत में है। बता दें कि हिमाचल में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है।