विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से लड़ने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया। लेकिन इसके अंदर सब ठीक नहीं चल रहा है। बंगाल में टीएमसी प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी भी लगातार सभी सीटों पर चुनाव लड़ने को कह रही हैं। तो वहीं पंजाब में भी सीएम भगवंत मान लगातार राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। इस बीच बीएसपी ने बड़ा बयान दिया है।

बीएसपी सांसद मलूक नागर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “तथाकथित इंडिया गठबंधन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी। अगर उन्होंने समझदारी से काम किया होता और अपने सहयोगियों को एकजुट किया होता और अगर उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए माफी मांगी होती, हमारी नेता मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाया होता, तो आज स्थिति पूरी तरह से अलग होती। चुनाव में मुकाबला बराबरी का होता। इसलिए कांग्रेस कुछ भी कहे, माहौल बिल्कुल साफ नजर आ रहा है।”

बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, आरएलडी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। बीएसपी राज्य में बड़े दल के रूप में मानी जाती है लेकिन वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। हालांकि इसके संबंध में एक बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मायावती से कांग्रेस बात कर रही है। 2019 का लोकसभा चुनाव अखिलेश यादव और मायावती ने मिलकर लड़ा था। हालांकि दोनों ही दलों को कोई खास सफलता नहीं मिली थी।

इसके पहले ममता बनर्जी ने भी कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उनका जनाधार काफी अधिक है तो मुझे नहीं लगता वह 300 में से 40 सीट भी जीत पाएगी। ममता बनर्जी ने कांग्रेस को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो बनारस और प्रयागराज में भाजपा को हराकर दिखाएं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का कर्ताधर्ता माना जाता था लेकिन वह खुद बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बना चुके हैं। कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ आ गए। इससे गठबंधन को बड़ा झटका लगा।