देश में कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी तरह से बेकाबू हो चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मई के महीनों में कोरोना वायरस के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कोरोना का वास्तविक डेटा छुपाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि रोजगार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुंचने दे रही है। महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया! राहुल गांधी के अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि कोरोना के वास्तविक आंकड़े और सरकारी आंकड़ो में काफी अंतर है। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट ने यह भी दावा किया था कि सरकार कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़ों में भी छेड़छाड़ कर रही है।
रोज़गार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुँचने दे रही।
महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 26, 2021
इससे पहले भी राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार को अपना प्रचार छोड़ कर देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि केंद्र सरकार से अपील है कि PR व अनावश्यक प्रोजेक्ट पर खर्च करने की बजाए वैक्सीन, ऑक्सीजन व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दें। आने वाले दिनों में ये संकट और भी गहराएगा। इससे निपटने के लिए देश को तैयार करना होगा। वर्तमान दुर्दशा असहनीय है!
इसके अलावा राहुल गांधी ने कोरोना वैक्सीन के दामों को लेकर भी केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने ट्वीट करते कहा था कि ‘चर्चा बहुत हो चुकी। देशवासियों को वैक्सीन मुफ्त में मिलनी चाहिए- बात खत्म। मत बनाओ भारत को भाजपा system का victim!’ हालांकि वैक्सीन के दामों को लेकर हुई चौतरफा आलोचना के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को अपने टीकों का दाम करने को कह दिया है।
देश में एक दिन में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,73,13,163 पर पहुंच गए जबकि एक्टिव केसों की संख्या 28 लाख से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 2,812 संक्रमितों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,95,123 हो गई है। देश में सबसे ज्यादा 832 मौतें महाराष्ट्र में हुई।