चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि प्रशांत किशोर पहले भी राहुल गांधी के साथ काम कर चुके हैं। साल 2017 में हुए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी। प्रशांत किशोर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। साथ ही कहा यह भी जाता है कि प्रशांत किशोर का दिया ज्ञान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को खूब पसंद आता है और उनके सलाह को वजन भी देते हैं।
हमारे सहयोगी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में पत्रकार कूमी कपूर के इनसाइड ट्रैक कॉलम के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान को राज्य के नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने के बजाय अपने पैर खींचने के लिए जाना जाता है। लेकिन पंजाब में कांग्रेस आलाकमान ने इसके उलट व्यवहार किया और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को स्वीकार करने के लिए कहा।
कपूर के आर्टिकल में यह भी कहा गया कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कारण कांग्रेस पार्टी की रीढ़ में मजबूती आई है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों प्रशांत किशोर के दिए गए ज्ञान को मानते हैं और उनके सलाह को वजन भी देते हैं। इस आर्टिकल में यह भी कहा गया है कि पंजाब कांग्रेस में हुए फेरबदल के पीछे भी प्रशांत किशोर की ही सलाह थी।
मूल रूप से अमरिंदर सिंह के करीबी रहे प्रशांत किशोर ने कांग्रेस आलाकमान को सलाह देते हुए कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में आम आदमी के मुद्दे उठाकर लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि सिद्धू पंजाब कांग्रेस के विधायकों के बीच खासे लोकप्रिय नहीं थे। इसलिए उन्हें पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस विधायकों का समर्थन पाने को कहा था। जिसके बाद सिद्धू ने अपने अमृतसर स्थित आवास पर 60 विधायकों के साथ शक्तिप्रदर्शन किया था।