कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी की बेटी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उनका सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया है। मोदी सरकार  के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ‘35 लोधी स्टेट’ खाली करना पड़ेगा क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवासीय सुविधा नहीं मिलती है।

इससे पहले, सरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी।
मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि अगर वह अगले महीने में बंगला खाली नहीं करती हैं तो फिर उन्हें नियमों के मुताबिक किराया अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा।

कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला ने इस बाबत कहा- यह सही कदम नहीं है, क्योंकि यह बंगला सुरक्षा कारणों से गांधी परिवार को आवंटित किया गया था। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी, लिहाजा गांधी परिवार के लोगों को हमेशा गंभीर खतरा रहा है।

इसी बीच, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला बोले कि पीएम मोदी और उनकी सरकार कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ आक्रोश, नफरत और बदले के चक्कर में अंधी हो गई है। यूपी में प्रियंका गांधी को लेकर जो पॉलिटिकल एक्टिविज्म दिखाया गया, उससे सकते में हूं। मोदी सरकार ने यहां तक कि उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया। ऐसे कुंठा से ग्रस्त प्रयास हमें कमजोर नहीं कर पाएंगे।


‘उप्र में छोटे कारोबारियों और कारीगरों की हालत खराब, ठोस पैकेज की जरूरत’: प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में शुरू हुए रोजगार अभियान की पृष्ठभूमि में बुधवार को कहा कि राज्य में छोटे कारोबारियों एवं कारीगरों की हालत बहुत खराब है और इन्हें प्रचार नहीं, बल्कि आर्थिक मदद के ठोस पैकेज की जरूरत है। उन्होंने वाराणसी में बुनकरों के आर्थिक संकट का सामना करने से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उप्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को बुलाकर एक आयोजन कर बताया कि छोटे और मझोले उद्योगों में लाखों रोजगार मिल रहे हैं,लेकिन हकीकत देखिए। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के बुनकर जो वाराणसी की शान हैं, आज गहने और घर गिरवी रखकर गुजारा करने को मजबूर हैं।’’