कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला की कथित मुलाकातों से जुड़े शिवसेना नेता संजय राउत के दावे को ‘कही-सुनी बात’ करार दिया है। मामले में उन पर कटाक्ष करते हुए चव्हाण ने कहा कि भाई को मंत्री नहीं बनाए जाने से राउत के नाराज होने की चर्चा है। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राउत स्पष्ट वक्ता हैं और उन्हें यह नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही है। बता दें कि राउत के इस बयान से कांग्रेस ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
भाई को मंत्री नहीं बनाने पर नाराज राउत- चव्हाणः कांग्रेस नेता चव्हाण ने संवादाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘उन्होंने किस संदर्भ में बयान दिया मुझे नहीं पता। उन्होंने बयान वापस लिया तो इस पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहूंगा।’ उन्होंने यह भी दावा किया, ‘वह चाहते थे कि उनके भाई साहब को मंत्री बनाया जाए। चर्चा है कि वह नाराज हैं।’
Hindi News Live Hindi Samachar 17 January 2020: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
चव्हाण ने राउत के बयान को बताया ‘अफवाह’: मामले में चव्हाण ने आगे कहा, ‘वह हमेशा से स्पष्ट वक्ता रहे हैं। उनके पास (दावों का) ठोस सबूत नहीं होगा। उस वक्त कही सुनी-बातें होती थीं। जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड था तो उस वक्त ऐसी चर्चा होती है। यह सब अफवाहें हैं।’
इंदिरा गांधी करती थीं करीम लाला से मुलाकात- राउतः गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बुधवार (15 जनवरी) को कहा था, ‘इंदिरा गांधी करीम लाला से पायधोनी (दक्षिण मुम्बई में) मुलाकात करती थीं।’ राउत ने यह बयान पुणे में लोकमत मीडिया समूह के एक समारोह में साक्षात्कार के दौरान दिया था। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
राउत ने वापस लिया अपना बयानः मामले में संजय राउत ने गुरूवार (16 जनवरी) को अपनी इस टिप्पणी को वापस लेते हुए कहा, ‘अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि खराब हुई है या किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं इसे वापस लेता हूं।’ हालांकि राउत ने बयान तो वापस से लिया लेकिन इससे जुड़ा विवाद अभी भी बरकरार है।