पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने आम बजट की आलोचना करते हुए केन्द्र सरकार को ‘खून चूसने वाली सरकार’ करार दिया है और कहा कि देश के सामने आज जो भी समस्यायें हैं उन सभी का एक ही जवाब है और वह है केन्द्र में ‘नयी सरकार।’ बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कल (09 फरवरी) राज्यसभा में दावा किया था कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था एक ‘खराब डाक्टर’ के हाथों में रही। इसी वजह से अर्थव्यवस्था की सेहत बिगड़ चुरी है। जेटली के वार पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने कहा कि ‘वह (केंद्र सरकार) ऐसी खराब रोगी है जो कि किसी अच्छे डाक्टर को या तो सुनना नहीं चाहती या सुनने में अक्षम है।’
चिदंबरम ने दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व रोजगार सहित प्रमुख क्षेत्रों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रमुख चुनौतियों का कोई समाधान नहीं निकाला गया है जबकि सिर्फ बड़ी घोषणाएं और बड़ी योजनाओं की ही बाते हैं। राजीव गांधी विकास अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में चिदंबरम ने कहा, ‘पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में लगातार वृद्धि कर यह सरकार कुल मिलाकर आपका खून चूस रही है।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का योगदान केवल यही होगा कि वह आक्सफोर्ड इंग्लिश शब्दकोश में एक नया शब्द ‘जुमला’ शामिल करा सकी है।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘पूरी अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में …. यदि डा. अरविंद सुब्रमणियम (मुख्य आर्थिक सलाहकार) को इसे बताने की पूरी आजादी दी जाती है तो वह बतायेंगे कि … रोगी बहुत बहुत बीमार है। हो सकता है कि रोगी मरणासन्न नहीं हो लेकिन वह बहुत बीमार है…. ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह रोगी डाक्टर की बात नहीं सुनना चाहता, उसके इलाज को नहीं अपनाना चाहता है, और यही वजह है कि मैं कहता हूं कि आपके पास अच्छा डाक्टर है लेकिन रोगी बुरा है। यह सरकार एक खराब रोगी है जो कि अच्छे डाक्टर की सुनना नहीं चाहता या सुनने लायक ही नहीं है।’’