कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को अपने तीन मूर्ति लेन स्थित सरकारी आवास पर रात्रिभोज में एक दर्जन से अधिक दलों के शीर्ष नेताओं को एकजुट किया। खास बात यह रही कि 2024 के आम चुनावों के मद्देनजर सभी गैर-एनडीए दलों को एक छत के नीचे लाने का उनका मकसद सफल होता भी दिखाई दिया। दरअसल, जिन बड़े नेताओं ने इस रात्रिभोज में अपनी हाजिरी लगवाई, उनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार से लेकर राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव और लगभग सभी क्षेत्रीय दलों के अध्यक्ष या प्रमुख नाम शामिल रहे।

सूत्रों के मुताबिक, गैर-भाजपाई दलों के लिए यह रात्रिभोज एक मंच की तरह रहा, जहां सिब्बल ने 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों और 2024 के आम चुनावों में विपक्षी दलों की एकता को मजबूत करने एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की अपनी प्रतिबद्धता को पुन: पुष्ट किया। सिब्बल के इस भोज में राहुल गांधी या गांधी परिवार का कोई और सदस्य तो नहीं पहुंचा, पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक सुधार के लिए पत्र लिखने वाले ‘जी-23’ के लगभग सभी सदस्य मौजूद थे।

रात्रिभोज में आमंत्रित विपक्ष के एक नेता ने कहा, ‘‘एकता को और मजबूत करने के लिए ऐसी बैठकें और आयोजित की जानी चाहिए। हमें भाजपा को 2022 में पहले उत्तर प्रदेश में और फिर 2024 के आम चुनाव में हराना है।’’

इस दौरान राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के लालू प्रसाद यादव, राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) सुप्रीमो शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव, माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के सीताराम येचुरी, भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम भी मौजूद थे।

इसके अलावा केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना की ओर से संजय राउत, आप (आम आदमी पार्टी) के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन, बीजद (बीजू जनता दल) नेता पिनाकी मिश्रा और अमर पटनायक, द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कझगम) के तिरुचि शिवा और टी के एलनगोवन, रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के जयंत चौधरी और टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के नेता भी रात्रिभोज में शामिल हुए।

इस रात्रिभोज में सबसे अहम जी-23 नेताओं की मौजूदगी रही। जो जी-23 समूह के नेता रात्रिभोज में शामिल हुए, उनमें मेजबान सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और शशि थरूर शामिल थे। शीर्ष विपक्षी नेताओं के साथ जी-23 के कांग्रेस नेताओं की यह पहली ऐसी मुलाकात है। दूसरी तरफ जो दो कांग्रेस नेता बुलावे के बावजूद इस रात्रिभोज में नहीं पहुंचे, उनमें पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम शामिल रहे। हालांकि, ये दोनों ही नेता जी-23 का हिस्सा नहीं रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि सिब्बल की शुरुआती टिप्पणी के बाद सभी नेताओं ने कहा कि उन्हें 2022 में उत्तर प्रदेश में और फिर 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना होगा। बैठक में एक नेता ने कहा, ‘‘हमें भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए और एकजुट रहना चाहिए।’’ जी-23 समूह के एक नेता ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि बातचीत के दौरान नेताओं के बीच आगामी यूपी चुनाव को लेकर बातचीत हुई। यहां साफ किया गया कि कांग्रेस यूपी में जीत की स्थिति में नहीं है और उसे राज्य में अखिलेश यादव का समर्थन करना चाहिए।

इसके अलावा रात्रिभोज में पहुंचे अकाली दल के नेता ने कांग्रेस से दो टूक कह दिया कि उसे खुद को एक परिवार की पकड़ से निकलना होगा। अकाली दल के साथ नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस में अंदरुनी कलह का जिक्र करते हुए खुद को मजबूत करने की बात कही। चौंकाने वाली बात यह है कि कपिल सिब्बल के निमंत्रण पर भोज में पहुंचे शरद पवार और अखिलेश यादव दोनों ही पिछले हफ्ते राहुल गांधी की तरफ से बुलाई गई ब्रेकफास्ट मीटिंग में नहीं पहुंचे थे।

एक अन्य नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने “लोकतंत्र और सरकार पर नियंत्रण रखने वाली लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट कर दिया है।” उन्होंने कहा, “हमें भाजपा को हराना होगा और देश में लोकतंत्र बहाल करना होगा।” जानकारी के मुताबिक, नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने विशेष रूप से महामारी के दौरान और उसके बाद भी समाज के उत्पीड़ित और गरीब वर्गों के लिए ‘‘कुछ नहीं’’ किया है। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने भी कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जी- 23 नेताओं के समूह के प्रयासों की सराहना की।