अगले साल की शुरुआत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर हिंदू और हिंदुत्व का मुद्दा सुर्ख़ियों में है। इसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान जब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार से हिंदुत्व को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बहस ही बेमतलब है। इसपर एंकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मतलब से ही हिंदुत्व को लेकर राजनीति हो रही है और आपकी पार्टी भी लोगों के बीच मुद्दे नहीं उठाती है।
दरअसल न्यूज 18 इंडिया पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एंकर किशोर अजवानी ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार से सवाल पूछते हुए कहा कि आपकी पार्टी के नेता का मानना है कि हिंदू और हिंदुत्व अलग अलग है। आखिर हिंदू और हिंदुत्व में क्या फर्क है। इसके जवाब में कन्हैया कुमार ने कहा कि ये बहस ही बिना मतलब का है। इसपर एंकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि कहा कि ये बेमतलब क्यों है। ये बहस तो वहीं से शुरू हुई जब आपकी पार्टी के कुछ नेताओं ने किताबें लिख दीं।
एंकर के टोके जाने के बाद कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि उन्होंने किताबें लिखी हैं तो उसपर बहस भी हो रही है और चर्चा भी हो रही है। मैं जब यहां बात करने आया हूं तो देश के आम नागरिक की हैसियत से बैठा हूं। मैं चाहता हूं कि देश के आम लोगों की परेशानी पर बात हो। इसके बाद एंकर के यह कहे जाने पर कि क्या इस बहस से आम लोगों को कोई मतलब नहीं है तो उन्होंने कहा कि आरएसएस के राम का राजनीतिक उद्देश्य है लेकिन आम लोगों के राम उनके आस्था का विषय है। जो इसपर राजनीति नहीं चाहते हैं।
कन्हैया कुमार के इस जवाब पर एंकर किशोर आजवानी ने कहा कि ये राजनीति बिलकुल मतलब से हो रही है। सब तरफ से मतलब से राजनीति हो रही है। इसके बाद कन्हैया कुमार ने रेलवे, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर सवाल उठाया। इसपर एंकर ने कहा कि लेकिन इनको लेकर चुनाव नहीं लड़े जा रहे हैं। आपकी पार्टी भी बेरोजगारी या दूसरे मुद्दों को लेकर नहीं बात करती है। आप भी लोगों के बीच जाते हैं तो पहचान लेकर जाते हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के द्वारा लिखी गई किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी संगठनों से किए जाने के बाद देश में एक बार फिर से हिंदुत्व को लेकर बहस छिड़ गई। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के द्वारा लिखी गई किताब सनराइज ओवर अयोध्या के छठे चैप्टर द सैफरन स्काई में लिखा गया कि साधु संतों के सनातन धर्म और प्राचीन हिंदू धर्म को हिंदुत्व के एक नए तरीके से किनारे लगाया जा रहा है जो कि इस्लामिक जिहादी संगठन बोको हरम और आईएसआईएस की तरह है। किताब में लिखी गई इसी लाइन को लेकर विवाद खड़ा हो गया।