कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर असंतोष के बीच गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए हैं। एक इंटरव्यू के दौरान संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद ने कहा कि वे ‘‘सुधारवादी के रूप मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार और बाकि राज्यों में उप चुनाव की हार का दोष पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि हार की वजह यह रही कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं। कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान 5 स्टार कल्चर को छोड़ देना चाहिए। आजाद ने कहा कि हमारे नेता आजकल टिकट मिलते ही नेता 5 स्टार होटल में कमरा बुक करा लेता है। नेताओं को पता होना चाहिए कि ऐसे चुनाव नहीं जीता जा सकता है।
नेता कच्ची सड़क वाली जगह में जाने से परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यह कल्चर हम नहीं बदलेंगे तब तक स्थिति में बदलाव नहीं होगा। पार्टी के बगावत के सवाल पर आजाद ने कहा कि यहां कोई बगावत नहीं है। उन्होंने कहा कि बगावत वह होती है जिसमें कहा जाता है इसके हटाओ। बगावत में बादशाह का वजीर सेना के साथ मिलकर बगावत कर देता। बादशाह को जान से मार दे या हरा दे, उसे बगावत कहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम जो कर रहे हैं वह सुधार है। यहां बादशाह अगर ठीक नहीं कर रहा है तो वजीर कह रहा है साहब आप यह ठीक नहीं कर रहे हो। विरोधी के पास यह दांव है,उससे मात मिल सकती है। असली वजीर वह होगा जो बादशाह को हकीकत बताएगा कि इसमें तो आपकी जान भी जा सकती है।
#WATCH | There is no rebellion in Congres party. Rebellion means replacing someone. There is no other candidate for the post of party president. This is not a rebellion. This is for reforms: Congress leader Ghulam Nabi on party leaders voicing dissent pic.twitter.com/2oRnFgm6it
— ANI (@ANI) November 22, 2020
संगठन में बदलाव पर उन्होंने कहा कि जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर लोगों और कांग्रेस नेताओं के बीच बहुत बड़ा फासला है। जनता से पार्टी का जुड़ाव एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि केवल चुनाव के दौरान। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पीसीसी, डीसीसी और बीसीसी को निर्वाचित करना चाहिए, और इस संबंध में पार्टी के लिए एक कार्यक्रम बहुत जरूरी है।
बिहार चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पहली बार बात करते हुए आजाद ने कहा कि नेताओं को राज्य के नेताओं के साथ राज्य का दौरा करना चाहिए। उन्हें केवल पांच सितारा होटलों में नहीं रहना चाहिए और वापस लौटना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और पांच सितारा होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।