बीते बुधवार को ममता बनर्जी ने मुंबई में कांग्रेस नीत यूपीए के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया। इसके बाद ममता बनर्जी के रणनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और उनके नेतृत्व करने की क्षमता पर सवाल उठाया। प्रशांत किशोर के द्वारा कांग्रेस पर हमला बोले जाने के बाद 100 साल पुरानी पार्टी के कई नेताओं ने उनपर पलटवार किया। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने प्रशांत किशोर के पुराने वीडियो शेयर कर उनपर तंज कसा जिसमें वो राहुल गांधी की तारीफ़ कर रहे थे।

यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रशांत किशोर यह कहते हुए दिख रहे हैं कि लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी विफल हो गए हैं। अगर चुनाव परिणामों के आधार पर यह कहा जा रहा है तो वो सही नहीं है। साथ ही वे वीडियो में कह रहे हैं कि पिछले एक साल के चुनाव परिणामों के आधार पर आप राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष  के तौर पर कैसे विफल कह सकते हैं। आप उनके विपक्षी हों या पक्ष के हों, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

गौरतलब है कि बीते दिनों मुंबई में एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाक़ात के बाद ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यूपीए के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि यूपीए क्या है? कोई यूपीए नहीं है। साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि  कुछ ऐसी पार्टियां और लोग हैं जो कुछ नहीं करते हैं। आधा समय तो वो विदेश में गुजारते हैं। 

कांग्रेस के ऊपर ममता बनर्जी के द्वारा किए गए हमले के बाद उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी हमला बोला। प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस जिस विचार और स्थान का प्रतिनिधित्व करती है वो एक मजबूत विपक्ष के लिए काफ़ी अहम है। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को कोई दैवीय अधिकार नहीं है वो भी तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90 फीसदी चुनावों में हारी है। विपक्ष के नेतृत्व का फ़ैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने दें। 

प्रशांत किशोर के हमले के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर पलटवार किया। पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यहां जिस व्यक्ति की चर्चा की जा रही है वह भारतीय लोकतंत्र को आरएसएस से बचाने और संघर्ष करने के अपने ईश्वरीय कर्तव्य का पालन कर रहा है। वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं रखने वाला एक पेशेवर किसी भी पार्टियों या व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के बारे में सलाह देने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन वह हमारी राजनीति का एजेंडा निर्धारित नहीं कर सकता है।