बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ममता बनर्जी दिल्ली में थीं। अपने दिल्ली दौरे पर ममता बनर्जी ने कई विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात की। इस दौरान ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ ही हमारा नारा है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे पर कहा कि सब दल मिलकर यह तय करेंगे। इसी को लेकर जब एक इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस समय बदलाव की बयार है और विपक्ष को एकता से ज्यादा एक चेहरे की जरूरत है।
दरअसल टीवी चैनल न्यूज 24 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जब पत्रकार मानक गुप्ता ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद से सवाल पूछते हुए कहा कि ममता बनर्जी कह रही हैं कि अभी तो किसी तरह मिलकर चुनाव लड़ लेते हैं और बीजेपी को हरा लेते हैं, नेता पर फैसला बाद में हो जाएगा। क्या बिना किसी चेहरे के मोदी के खिलाफ महागठबंधन कामयाब हो सकता है।
इसके जवाब में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं, क्योंकि आज का जो राजनीतिक दौर है, ये मुद्दों से ज्यादा चेहरे का दौर है। नरेंद्र मोदी को हराना इतना आसान नहीं है। ये बात अच्छी है कि भाजपा को हराने के लिए सभी गैर भाजपाई दल एक हो जाएं। कांग्रेस एक अकेली पार्टी है जिसने भाजपा को हराने के लिए हर एक राज्य में क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन किया और ताकत दी।
आगे आचार्य प्रमोद ने कहा कि क्षेत्रीय दलों का समर्थन करते करते राज्यों में कांग्रेस का धीरे धीरे सफाया हो गया। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्य चले गए। कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी की सरकार हटाना चाहती है क्योंकि देशहित में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है। लेकिन बिना चेहरा बनाए नरेंद्र मोदी का हटाना मुश्किल काम है। अगर 2024 में देश में गैर भाजपाई सरकार बनाना है तो विपक्ष को यह घोषणा पड़ेगा कि नरेंद्र मोदी के सामने प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा।
आचार्य प्रमोद के इस जवाब पर जब पत्रकार मानक गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस में से कौन इस महागठबंधन का चेहरा बन सकता है। इसपर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि कांग्रेस ही भाजपा की विकल्प है। पिछले सात सालों से हर मोर्चे पर नरेंद्र मोदी का विरोध कोई कर रहा है तो वह राहुल गांधी हैं।