Jairam Ramesh: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया। जिसमें अमित शाह ने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सभी भारतीय भाषाओं को समान रूप से बढ़ावा देती है। कांग्रेस नेता ने शुक्रवार अमित शाह के बयान के विपरीत कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

क्या कहा था अमित शाह ने?

एक इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा था कि यह यह धारणा कि मोदी सरकार क्षेत्रीय भाषाओं की जगह हिंदी को थोपना चाहती है, सरकार के खिलाफ एक “राजनीतिक अभियान” था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया कि उन्होंने कभी भी दूसरे क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी भाषा थोपने की बात नहीं की थी। गृह मंत्री ने हिंदी दिवस के अवसर पर ‘एक देश, एक भाषा’ की वकालत की थी। उनके इस बयान के बाद कई विपक्षी दलों के नेता विरोध में उतर आए थे। शाह ने कहा कि उनके बयान पर केवल राजनीति की जा रही है।

संस्कृत के लिए 640 करोड़, कन्नड़ के लिए केवल तीन करोड़: जयराम रमेश

अमित शाह के बयान का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनके इस दावे को चुनौती दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि भाजपा सभी भाषाओं के ‘प्रचार’ के लिए खड़ी है। क्या इसीलिए मोदी सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 640 करोड़ रुपये और देश की छह शास्त्रीय भाषाओं में से एक कन्नड़ को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ 3 करोड़ रुपये खर्च किए हैं? रमेश से पूछा कि क्या इसीलिए महान कुवेम्पु (जिसने राज्य गान लिखा था) का अपमान करने वाले व्यक्ति को कर्नाटक में 40% आयोग सरकार द्वारा पाठ्य पुस्तक संशोधन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था?”

जयराम रमेश, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 के साथ एक परंपरा शुरू हो गई है, जिसमें कानूनों के अंग्रेजी नामों को हटाकर उन्हें हिंदी नाम दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता आगे लिखा, ‘मैं और आगे बढ़ सकता था, मिस्टर एचएम। लेकिन फिर आप एक ऐसे व्यक्ति के लिए काम करते हैं, जिसका आदर्श वाक्य असत्यमेव जयते रहा है।