कांग्रेस सरकार में योजना आयोग की सदस्य रहीं सैयदा हमीद ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। पहले सैयदा हमीद ने कहा था कि अगर बांग्लादेशी असम में रह रहे हैं तो क्या दिक्कत है? अब उन्होंने कहा है कि असम राक्षसों की धरती और यहां पर मुसलमानों पर जुल्म हो रहे हैं। हमीद ने कहा कि पहले असम में ‘मियां’ को अच्छे अर्थ में कहते थे लेकिन अब ‘मियां’ एक गाली की तरह है।

असम राक्षसों की धरती बन गई- सैयदा हमीद

दिल्ली में एक कार्यक्रम में योजना आयोग की सदस्य रहीं सैयदा हमीद ने कहा, “असम कभी ऐसा नहीं था। असम एक फ्रेंकस्टीन की तरह, एक राक्षस की तरह बन गया है। यह एक खतरनाक जगह बन गई है। मैं बस इतना कह सकती हूं कि मुसलमानों के खिलाफ प्रतिशोध है। वे ‘मियां’ को अच्छे अर्थ में कहते थे लेकिन अब ‘मियां’ एक गाली की तरह है।”

बता दें कि कुछ दिन पहले सैयदा हमीद ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ असम का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्ला, फैयाज शाहीन, प्रशांत भूषण और जवाहर सरकार शामिल थे। इन लोगों ने सरकार द्वारा खाली गए कराए गए मुस्लिम इलाकों का दौरा किया। इसी दौरान सैयदा हमीद मीडिया से बात कर रही थीं और उनसे बांग्लादेशियों को लेकर सवाल पूछ लिया गया।

बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं- सैयदा हमीद

सवाल के जवाब में सैयदा हमीद ने कहा, “बांग्लादेशी होना क्या गलत है? बांग्लादेशी भी तो इंसान हैं। अल्लाह ने इतनी बड़ी धरती बनाई है। बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं। बांग्लादेशी किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं। सरकार कह रही है कि वह दूसरों का अधिकार छीन रहे हैं। यह मानवता के लिए हानिकारक है। अल्लाह ने धरती लोगों के लिए बनाई है, शैतानों के लिए नहीं। अगर कोई इंसान कहीं रह रहा है तो उसे बेरहमी से क्यों निकाला जाए।”

कांग्रेस सरकार में हमीद को मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

जुलाई 2004 में जब मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने, तो सैयदा हमीद को भारत के योजना आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया। योजना आयोग की सदस्य के रूप में उनके पास स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, स्वैच्छिक क्षेत्र, अल्पसंख्यक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम जैसे मंत्रालयों का दायित्व था। इसी दौरान उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के भारतीय द्वीपों के विकास के लिए प्रधानमंत्री के अधीन भारत सरकार की एजेंसी, द्वीप विकास प्राधिकरण (IDA) का सदस्य भी नियुक्त किया गया।