पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनाव की स्थिति के चलते कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। दरअसल, हाल ही में पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि जल्द ही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू साथ काम करेंगे। सूत्रों का कहना था कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसी को लेकर अमरिंदर फिर भड़के बताए जा रहे हैं। इस बीच जहां पंजाब में दो नेताओं का विवाद उलझ गया है, वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को लेकर एक नया विवाद बिहार में खड़ा हो गया है।
क्या है बिहार का कांग्रेस प्रमुख बनाने का विवाद?: बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस अब राज्य में अपने लिए नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश कर रही है। बताया गया है कि इसके लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने विधायक और दलित नेता राजेश कुमार राम का नाम आगे बढ़ाया था। लेकिन उनके नाम को लेकर विवाद हो गया। जानकारी के मुताबिक, बिहार कांग्रेस के कई नेताओं ने मदन मोहन झा के जाने के बाद एक दलित को पार्टी प्रमुख बनाए जाने का विरोध किया है। साथ ही नए प्रदेशाध्यक्ष के उच्च जाति से होने की भी मांग की है।
ऐसे में बिहार में प्रदेशाध्यक्ष को लेकर उभरा विवाद पंजाब से भी बड़ा हो सकता है। दरअसल, नीतीश कुमार की जदयू पहले ही कांग्रेस के नाराज विधायकों पर करीबी नजर रख रही है। ऐसे में कांग्रेस भी पूरी सूझबूझ से विचार कर रही है और दास की तरफ से प्रस्तावित दलित नाम पर नाराज नेताओं को मनाने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर विचार कर रही है।
बिहार में क्यों उभरा विवाद?: बताया गया है कि बिहार कांग्रेस में दो धड़े हैं। एक धड़ा पार्टी का उच्च जाति का प्रदेशाध्यक्ष चाहता है, वहीं दूसरे धड़े का कहना है कि भक्त चरण दास जो कि पूर्व समाजवादी नेता हैं, ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस जॉइन की और वे बिहार में कांग्रेस के लिए बाहरी नेता हैं। इन नेताओं का यहां तक कहना है कि पार्टी के पास अब सिर्फ कुछ उच्च जाति के क्षेत्रों में ही वोटर बेस बचा है, जो कि एक दलित प्रदेशाध्यक्ष बनाने से बिखर सकता है। उनका कहना है कि दलित, मुस्लिमों और ओबीसी ने पहले ही बिहार में कांग्रेस को छोड़ दिया है, इसलिए पिछड़े समाज से पीसीसी प्रमुख लाने का कोई मतलब नहीं है।
पंजाब में अमरिंदर सिंह का खेमा सिद्धू के उभार से नाराज: उधर पंजाब में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के धड़ों के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा जारी है। अमरिंदर के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने सिद्धू को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच अपनी नाखुशी कांग्रेस हाईकमांड से जाहिर कर दी हैं। इसके चलते ही हरीश रावत को संतुलित बयान देकर दोनों नेताओं को साधना पड़ा है। इस बीच अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे और जीत दिलाएंगे जैसा उन्होंने 2017 में किया था।